World Radio Day
वर्ल्ड रेडियो डे विशेष
आज जिसकी चर्चा करने जा रहे हैं वह आप लोगों के बचपन में जरूर करीब रहा होगा, हालांकि अभी भी देश में लाखों-करोड़ों लोग ऐसे हैं जो अपने पुराने संचार माध्यम को हमसफर बनाए हुए हैं । आज चाहे कितना भी इंटरनेट और गूगल का जमाना हो लेकिन उस हमसफर की बात ही कुछ और हुआ करती थी । यह रेडियो आकाशवाणी है, सुनकर कुछ याद आ गया होगा, अगर नहीं आया चलिए हम बताते हैं । हम बात करने जा रहे हैं 'रेडियो' की। आज विश्व रेडियो दिवस है । रेडियो ने वक्त को नहीं दौर को जीया है। उस लोग इसके दीवाने थे, रास्तों में रेडियो को गले में या हाथों में लटकाते हुए मिल जाते थे । आजादी के बाद जब देश में नया-नया रेडियो आया था तो इसे सुनने के लिए लोग जमा हो जाते थे । यही नहीं शादियों में भी दहेज के रूप में रेडियो दिया जाता । देशवासियों का रेडियो सुनना एक क्रेज हुआ करता था । क्रिकेट कमेंट्री...