One year of lockdown: Learning From Pandemic
महामारी को हराने के लिए आइए एक बार फिर समझदारी दिखाएं और स्वयं लें सख्त फैसले
(जनता कर्फ्यू के एक वर्ष)
अजीब महामारी है ! न हम समझ सके न तुम । कोई नहीं जानता यह संकटकाल हमें कहां ले जाएगा और कितने दिनों तक। जब-जब आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं तब कदम फिर रुक जाते हैं। आज 22 मार्च है । यह तारीख देशवासी कभी नहीं भूल पाएंगे । आज बात भी कोरोना महामारी को लेकर होगी । वर्ष 2020 के मार्च महीने में कोविड-19 की शुरुआत जब देश में हो रही थी तब किसी ने सोचा नहीं था कि जिंदगी इतनी 'खौफनाक' हो जाएगी और कितने दिनों तक हमें 'डर के साए' में जीना पड़ेगा। इस महामारी ने लाखों-करोड़ों परिवारों पर ऐसा कहर ढाया कि अभी भी लोग 'सदमे' से उभर नहीं पाए हैं । सही मायने में कोरोना ने देशवासियों की जिंदगी ही पटरी से उतार दी, जो अभी तक पूरी तरह संभल नहीं पाई है । अब बात को आगे बढ़ाते हैं। पिछले वर्ष 19 मार्च दिन ...