नई संसद भवन के पहले दिन कार्यवाही के एक घंटे के भीतर ही केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया है। इसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। नई संसद भवन में मंगलवार दोपहर 1:15 पर कार्यवाही शुरू हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद में पहली बार संबोधित करते हुए महिला आरक्षण बिल लाने की बात कही।

पीएम मोदी ने महिला आरक्षण को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ नाम दिया है। नए संसद भवन में भी हंगामा हुआ। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान पर हंगामा हुआ। इसके बाद कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि हम ऐतिहासिक बिल लाने जा रहे हैं। अभी लोकसभा में 82 महिला सांसद हैं, इस बिल के पास होने के बाद 181 महिला सांसद हो जाएंगी। दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने बिल को पेश कर दिया। महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिलाने वाला बिल लोकसभा में पेश हो चुका है। इस बिल में महिलाओं के लिए विधानसभा और लोकसभा में 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने की बात कही गई है।

इसके तहत अब लोकसभा की 181 सीटें महिलाओं के लािए रिजर्व हो जाएंगी। विपक्ष के सांसदों ने बिल की कॉपी को लेकर हंगामा किया। इनका कहना था कि उन्हें बिल की कॉपी नहीं मिली है। सरकार का कहना था कि बिल को अपलोड कर दिया गया है। यह आरक्षण लोकसभा और राज्यसभा के बाद राज्य विधानसभाओं में लागू होगा। बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए जाएगा। कानून बनने के बाद होने वाले चुनावों में यह बिल लागू हो जाएगा। संसद में महिलाओं के आरक्षण का प्रस्ताव करीब 3 दशक से पेंडिंग है। यह मुद्दा पहली बार 1974 में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने वाली समिति ने उठाया था। 2010 में मनमोहन सरकार ने राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण बिल को बहुमत से पारित करा लिया था। तब सपा और राजद ने बिल का विरोध करते हुए तत्कालीन UPA सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी थी। इसके बाद बिल को लोकसभा में पेश नहीं किया गया। तभी से महिला आरक्षण बिल पेंडिंग है। इससे पहले पुरानी संसद में लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों का एक साथ फोटो शूट हुआ और फिर पीएम मोदी के साथ सभी सांसद पदयात्रा करते हुए नई संसद पहुंचे। इसमें पीएम मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य मौजूद रहे।
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