
दुनिया के सबसे बड़े शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा की जयंती आज पूरे देश भर में धूमधाम के साथ मनाई जा रही है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आज जन्मदिवस है। पीएम मोदी आज 73 साल के हो चुके हैं। 17 सितंबर 1950 को नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म गुजरात के मेहसाणा के वडन नगर में हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी के जन्म दिवस पर भाजपाइयों में जोश छाया हुआ है। पार्टी के तमाम नेताओं ने पीएम मोदी को जन्म दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। वहीं दूसरी ओर विश्वकर्मा समाज अपने भगवान की जयंती धूमधाम के साथ मना रहा है। भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर तमाम पार्टी के नेताओं ने शुभकामनाएं दी हैं। हर साल सृष्टि के सबसे बड़े और अद्भुत शिल्पकार विश्वकर्माजी की पूजा का पर्व बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ माना जाता है। बता दें कि हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का शिल्पी कहा गया है। मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने जब ब्रह्मांड बनाया तो उसे सजाने और संवारने का काम भगवान विश्वकर्मा को मिला। शास्त्रों में विश्वकर्मा जी को पहला शिल्पकार, वास्तुकार और पहला इंजीनियर कहा गया है। हर साल 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। इसी दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था और इस दिन को विश्वकर्मा जयंती के तौर पर भी मनाया जाता है। व्यापार और आर्किटेक्चर से जुड़े लोग खासतौर पर इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं। भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम देशों में जो लोग शिल्प व्यापार से जुड़े हैं वह भगवान विश्वकर्मा को आराध्य मानते हुए पूजा-अर्चना करते हैं। आज दुनिया भर में भगवान विश्वकर्मा के ही निर्माण किए गए हुनर को पूजते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार जब ब्रह्राजी ने सृष्टि की रचना की तो इसके निर्माण कार्य की जिम्मेदारी भगवान विश्वकर्मा जी को दी। शास्त्रों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ब्रह्राा जी के सातवें पुत्र हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज विश्वकर्मा जयंती पर पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना लॉन्च करने जा रहे हैं।
इस योजना से 18 पारंपरिक कौशल वाले लोगों को मिलेगा लाभ:
इस योजना से 18 व्यवसायों से जुड़े लोगों को फायदा होगा। देश के चुने गए 70 स्थानों पर 70 मंत्रियों की मौजूदगी रहेगी। कार्यक्रम के लिए गृह मंत्री अमित शाह अहमदाबाद, राजनाथ सिंह लखनऊ, महेंद्र नाथ पांडे वाराणसी, स्मृति ईरानी झांसी, गजेंद्र सिंह शेखावत चेन्नई, भूपेंद्र यादव जयपुर, नरेंद्र सिंह तोमर भोपाल में रहेंगे। विदेश मंत्री जयशंकर तिरुवनंतपुरम, नागपुर में नितिन गडकरी, अश्विनी वैष्णव भुवनेश्वर में रहेंगे। पीएम विश्वकर्मा को 13,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा। इस योजना के तहत, बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करके सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से विश्वकर्माओं का निशुल्क पंजीकरण किया जाएगा। उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान-पत्र, मूलभूत और उन्नत प्रशिक्षण से जुड़े कौशल उन्नयन, 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन, पांच प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर एक लाख रुपये (पहली किश्त) और दो लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक मुक्त ऋण सहायता, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी। पीएम विश्वकर्मा पारंपरिक कौशल वाले लोगों का समर्थन करने वाली योजना है। इस योजना के तहत उदार शर्तों पर तीन लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। इस योजना के शुरू होने से देशभर के करीब 30 लाख विश्वकर्मा परिवारों को फायदा मिल सकता है। इसके जरिए पारंपरिक शिल्प में लगे लोगों को सहायता प्रदान करने पर ध्यान केन्द्रित होगा। सरकार की मानें तो यह फोकस न केवल कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करने बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति और विविध विरासत को जीवित और समृद्ध बनाए रखने की इच्छा से भी प्रेरित है। पूरे भारत में यह योजना ग्रामीण व शहरी इलाकों के कारीगरों और शिल्पकारों की मदद करेगी। इस योजना के अंतर्गत 18 पारंपरिक व्यवसायों को लिस्ट में रखा गया है। कारपेंटर, नाव बनाने वाले,अस्त्र बनाने वाले, लोहार ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राज मिस्त्री, डलिया,चटाई, झाड़ू बनाने वाले, पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले नाई, मालाकार, धोबी, दर्जा, मछली का जाल बनाने वाले कारीगरों को लाभ मिलेगा।
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