
चार दिन पहले 12 सितंबर मंगलवार को एप्पल कंपनी ने आईफोन-15 (iPhone 15) धमाकेदार अंदाज में लॉन्च किया था। इस फोन की एक दिन पहले शुक्रवार 15 सितंबर से बिक्री भी शुरू हो चुकी है। भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में आईफोन लेने का जबरदस्त क्रेज है। लेकिन आईफोन की बिक्री और इस्तेमाल करने के लिए चीन के बाद फ्रांस ने भी रोक लगा दी है। फ्रांस सरकार ने आईफोन-12 (iPhone 12) की बिक्री पर बैन लगा दिया है। सरकार का कहना है कि इसमें ज्यादा रेडिएशन है। फ्रांस के इस फैसले पर एप्पल ने कहा कि रेडिएशन कम करने के लिए वे जल्द ही एक सॉफ्टवेयर अपडेट लाएंगे। इससे एक्सेस रेडिएशन की समस्या ठीक हो जाएगी। एप्पल (Apple) ने आईफोन-12 मॉडल को 2020 में लॉन्च किया था। ये 3 साल पुराना मॉडल है। हाल ही में एप्पल ने आईफोन-15 सीरीज के मॉडल लॉन्च किए हैं।
यह भी पढ़े: राहुल नवीन बने ईडी के नए कार्यवाहक निदेशक, संजय कुमार मिश्रा की जगह संभालेंगे कार्यभार
दरअसल फोन से निकलने वाला विकीरण दो प्रकार का होता है। इसमें पहला आरएफ (रेडियाफ्रीक्वेंशी) विकीरण होता है और दूसरा ईएलएफ विकीरण। पहले किस्म का विकीरण जो कि आरएफ विकीरण होता है वो फोन से कॉल करते समय या इंटरनेट इस्तेमाल करते समय निकलता है। आरएफ विकीरण को सामान्य तौर पर सुरक्षित माना जाता है। दुनियाभर के अलग-अलग देशों की रेग्यूलेटरी संस्थाएं सुरक्षित विकीरण के लिए सुरक्षा मानक स्थापित करती हैं। उनका पालन करने पर ही फोन कंपनियों को देश में बेचने की अनुमति दी जाती है। इसी तरह दूसरा विकीरण होता है ईएलएफ विकीरण। ये किसी भी स्मार्ट फोन के इलेक्ट्रिक घटकों से आता है। इसे नॉन ऑयोनाइजिंग और सेफ माना जाता है। दरअसल इसकी जांच के लिए SAR वैल्यू बनाई गई है। इसे फोन कंपनियों को कम रखना होता है। जो भी कंपनी फोन बनाती है उसे तय मानकों का पालन करना होता है। बता दें कि दस दिन पहले चीन ने आईफोन के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। हालांकि, यह नियम केवल सरकारी अधिकारियों पर लागू है। इसकी जानकारी बाहर आते ही एपल कंपनी के शेयर करीब 6% घट गए थे। चीन को डर है कि आईफोन के जरिए उसकी जासूसी हो सकती है।