
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव दो महीने में होने जा रहे हैं। उससे पहले आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है। इस कैबिनेट विस्तार में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जातीय संतुलन साधने की कोशिश की है। शनिवार को तीन भाजपा विधायकों को मंत्री के रूप में शामिल करके अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने सुबह 9 बजे यहां राजभवन में तीन विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। नए मंत्रियों में सबसे पहले महाकौशल से गौरीशंकर बिसेन, विंध्य से राजेंद्र शुक्ला और बुंदेलखंड से पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल लोधी ने शपथ ली।

शिवराज कैबिनेट में अब 33 मंत्री हो गए हैं। इससे पहले मध्यप्रदेश कैबिनेट में 23 कैबिनेट मंत्री, 7 राज्य मंत्री थे। बता दें कि पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला एक ब्राह्मण नेता और विंध्य क्षेत्र के रीवा से चार बार विधायक रहे हैं। उन्होंने इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार में वाणिज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था। वहीं, राहुल लोधी बुन्देलखण्ड क्षेत्र के टीकमगढ़ जिले के खड़गपुर से पहली बार विधायक बने हैं। राहुल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे हैं। राज्य की आबादी में ओबीसी की आबादी करीब 40 फीसदी है। गौरीशंकर बिसेन महाकोशल क्षेत्र के बालाघाट से सात बार के विधायक हैं। वे एमपी पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भी हैं। वे पहले भी मंत्री के रूप में शिवराज सरकार के अधीन काम कर चुके हैं।मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ भाजपा ने तीन महीने से भी कम समय में होने वाले चुनावों से पहले मध्य प्रदेश में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को संतुलित करने की कोशिश की है। मध्य प्रदेश में पिछला विधानसभा चुनाव 28 नवंबर, 2018 को हुआ था। मंत्रिपरिषद का आखिरी बार विस्तार जनवरी 2021 में हुआ था। सत्ता विरोधी लहर को मात देने, जातिगत समीकरणों को संतुलित करने और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व की सिफारिश पर विस्तार हुआ।