भारतीय जनता पार्टी यूपी में मिशन 80 को लेकर बेहद सक्रियता दिखा रही है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी यूपी में अपने बागी सांसदों के पर कतरने जा रही है। ऐसे में यूपी बीजेपी से सांसदों के टिकट भाजपा हाईकमान अब काटने जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी को यह भली भांति ज्ञात है कि मिशन 80 को हासिल करने के लिए बागियों पर लगाम लगानी जरूरी है। ऐसे में संघमित्रा मौर्या, रीता बहुगुणा जोशी, वरुण गांधी, मेनका गांधी जैसे सांसदों का विकेट गिरना अब तय हो चुका है।
बागी सांसदों के टिकट कटने की वजह:

उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीट है कहा जाता है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से ही होकर गुजरता है ऐसे में भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में अपने मिशन 80 को लेकर किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहती है। इसीलिए भारतीय जनता पार्टी के आलाकमान ने यह निर्णय लिया है की बाकी सांसदों की टिकट काटे जाएंगे। इन बागी सांसदों में संघमित्रा मौर्य रीता बहुगुणा जोशी वरुण गांधी और मेनका गांधी शामिल है।
संघमित्रा मौर्य को जहां उनके पिता और सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की वजह से खामियाजा भुगतना पड़ सकता है तो वहीं सूत्रों के अनुसार संघमित्रा मौर्य समाजवादी पार्टी के टिकट पर बदायूं से जहां से वह वर्तमान में सांसद हैं चुनाव लड़ सकती हैं। वही रीता बहुगुणा जोशी को उनके बेटे मयंक जोशी की वजह से खामियाजा भुगतना पड़ सकता है 2022 विधानसभा चुनाव से एक हफ्ते पहले मयंक जोशी अचानक से समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली थी। रीता बहुगुणा जोशी वर्तमान में प्रयागराज शहर से सांसद हैं। वही पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी लगातार पार्टी लाइन के विपरीत बयान बाजी कर रहे हैं। और सरकार की नीतियों को लेकर कई बार सार्वजनिक तौर पर बयान भी दे चुके हैं। जिसका खामियाजा वरुण गांधी और मेनका गांधी दोनों को उठाना पड़ सकता है। अगर सूत्रों की माने तो पीलीभीत से ही तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सहयोग से विपक्षी गठबंधन INDIA के बैनर तले वरुण गांधी को टिकट दिया जा सकता है।