बिहार के अपराधिक मामले लगातर बढ़ते जा रहे हैं। ताजा मामला अररिया के रानीगंज का है जहां दिन दहाड़े दैनिक जागरण अखबार के पत्रकार विमल यादव, जिनकी उम्र 36 वर्ष थी उनकी हत्या कर दी गई।
बता दें कि अपराधियों ने घर के दरवाजे पर चढ़कर मेन गेट खुलवाया और जैसे ही पत्रकार गेट खोलने आए वैसे ही अपराधियों ने उनके सीने में गोली दाग दी। इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई।
सुपौल जेल में बंद अपराधी ने रची हत्या की साजिश:

फिल्हाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। परिजनों का कहना है कि सुपौल जेल में बंद रूपेश ने ही हत्या की साजिश रची थी। उसने जेल से ही हत्या की सुपारी दी थी।
परिजनों का कहना है कि 4 साल पहले यानी अप्रैल 2019 में विमल यादव के छोटे भाई गब्बू यादव की हत्या कर दी गई थी। उस वक्त गब्बू यादव बेलसरा पंचायत के सरपंच थे। विमल अपने भाई की हत्याकांड के मुख्य गवाह थे। केस का स्पीडी ट्रायल चल रहा था। विमल की मुख्य गवाही होनी थी। अचानक उनकी हत्या कर दी गई। परिजनों का कहना है कि जिसने गब्बू यादव की हत्या करवाई, उसने ही विमल की हत्या की सुपारी दी है। गवाही के बाद आरोपी को डर था कि उसे उम्रकैद की सजा न हो जाए इसलिए बचने के लिए उसने ऐसा किया।
परिजनों का आरोप है कि विमल यादव ने खुद की सुरक्षा को बंदूक के लाइसेंस के लिए भी अप्लाई किया था। कई बार आवेदन देने पर भी बंदूक का लाइसेंस नहीं मिल पाया। परिजनों ने प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगाया। एक सप्ताह पहले भी विमल ने अपने दोस्तों से कहा था उनकी जान को खतरा है। कुछ अपराधी लगातार उनका पीछा किया जाता है। डर लगता है कहीं अपराधी उसे भी न मार दें। भाई की मौत के बाद विमल ही अपने माता पिता का सहारा थे। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकरा बुरा हाल है। मामले में अररिया एसपी का कहना है कि वारदात को दो अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया है। दोनों को चिह्नित कर लिया गया है। दोनों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।