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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर हैं। सीएम नीतीश दिल्ली में साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन इंडिया को मजबूत करने और नई रणनीति बनाने के उद्देश्य से आए हुए हैं। दिल्ली पहुंचते ही नीतीश कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि देने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बीच में कोरोना का समय था। इस बार मौका मिला है। वो (अटल बिहारी वाजपेयी) इतना प्रेम करते थे और हम लोगों की इज्जत करते थे कि कभी भूल नहीं सकते। उन्होंने किस तरह से कितना मुझे काम दिया और मैंने किया। जब मैंने पहली बार बिहार के सीएम के रूप में शपथ ली तो वह वहां थे। नीतीश कुमार ने कहा कि आज के दिन नमन करने आए हैं। नीतीश कुमार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात करने का कार्यक्रम है। लेकिन दोनों नेताओं की मुलाकात से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच दिल्ली लोकसभा चुनाव को लेकर दरार आ गई है। राजधानी दिल्ली में बुधवार को कांग्रेस की अहम बैठक हुई। इसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल समेत अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे। राहुल गांधी ने दिल्ली कांग्रेस के नेताओं को कहा कि पिछले दिनों वो दिल्ली के कई इलाकों में गए, लोगों से मिले। महंगाई, रोजगार को लेकर दिल्ली की जनता कांग्रेस पार्टी से उम्मीद करती है। साथ ही कहा कि दिल्ली में कांग्रेस अपनी कमजोरियों को दूर करे और संगठन को मजबूत करने का काम करे। बैठक के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने स्पष्ट कहा कि ये फैसला किया गया है कि उनकी पार्टी दिल्ली की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उनका अपना रास्ता है और बैठक में आम आदमी पार्टी या फिर गठबंधन की कोई चर्चा नहीं हुई। दरअसल, दिल्ली में तीन मुख्य पार्टियां हैं आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी लोकसभा चुनाव को लेकर एक मंच पर आईं विपक्षी पार्टियों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी शामिल है। ऐसे में कांग्रेस का राजधानी की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला गठबंधन के लिए किसी झटके से कम नहीं है। कांग्रेस के टॉप लीडर्स ने दिल्ली लोकसभा की सभी सातों सीटों पर तैयारी करने को कहा, जिसका मतलब कांग्रेस सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसमें संगठन को मजबूत करने, आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी करने पर बात हुई। कहा गया कि दिल्ली लोकसभा के लिए 7 महीने और 7 सीटें हैं। सभी सीटों पर हर नेता को आज से अभी से निकलना है, संगठन की तरफ से जिसको जो भी जिम्मेदारी दी जा रही है, उसे हम निभाएंगे। बैठक में शामिल रहे एक नेता ने कहा, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं की राय यही है कि आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का जनाधार छीना है और ऐसे में पार्टी को उस जनाधार को फिर से हासिल करने के लिए प्रयास करना चाहिए। हमारी तैयारी सभी सात लोकसभा सीटों पर होगी। गठबंधन को लेकर कांग्रेस नेतृत्व जो भी फैसला करेगा, वो सभी लोग मानेंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सात सीटों पर कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था । हालांकि त्रिकोणीय मुकाबले में मत प्रतिशत के लिहाज से कांग्रेस भाजपा के बाद दूसरे स्थान पर रही थी। आप सरकार के मंत्री सौरभ भारद्धाज ने इस मामले पर प्रतिक्रियाएं देते हुए कहा कि, इस तरह की बातें आती रहेंगी। जब INDIA के सभी दल एक साथ बैठेंगे, सभी पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व आमने-सामने बैठकर चर्चा करेंगे, तब पता चलेगा कौन सी पार्टी को कौन सी सीटें मिलती हैं। आप का कहना है कि कांग्रेस के इस फैसले पर विपक्षी गठबंधन इंडिया पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ऐसे नेता बयान दे रहे हैं जिनकी जमानतें विधायक इलेक्शन तक में नहीं बची हैं। उनकी क्या वेल्यू है। मनीष चौधरी और अल्का लांबा ने बयान दिया है, दोनों की ही जमानत कहां बची। दोनों की मिला लो तो भी नहीं जीतेंगे।
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