
JOIN OUR WHATSAPP GROUP
आज 6 अगस्त है। यह तारीख जापान कभी नहीं भूल सकता है। आज से 78 साल पहले 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा में परमाणु बम गिरा कर पल भर में यह शहर तबाह कर दिया था। यही नहीं इसके 3 दिन बाद 9 अगस्त 1945 को अमेरिका ने एक बार फिर जापान के नागासाकी में बम गिराए। अमेरिका के किए गए इन हमलों के बाद पूरी दुनिया हिल गई थी। ऐसा माना जाता है कि अमेरिका के इस हमले में हिरोशिमा के 1,40,000 लोग और नागासाकी में करीब 74,000 लोग मारे गए थे। हालांकि, इस हमले के बाद भी कई लोग रेडियोएक्टिव यानी कि काली बारिश की चपेट में भी आए। उस बम का नाम ‘लिटिल बॉय’ था जिसे B-29 बॉम्बर के चालक दलों ने गिराया था। यह अमेरिका की तरफ से सफल परीक्षणों के बाद युद्ध में इस्तेमाल किया गया पहला परमाणु बम था। इसके तीन दिन बाद अमेरिका ने ‘फैट मैन’ नाम का एक और बम जापान के दूसरे शहर नागासाकी पर गिरा दिया। इसके बाद जापान को सरेंडर करने के लिए मजबूर होना पड़ा। एक सितंबर, 1939 में शुरू हुए द्वितीय विश्व युद्ध को छह साल पूरे हो गए थे, फिर भी लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही थी। इस दौरान जापान एक ताकतवर देश हुआ करता था और इस युद्ध में लगातार हमला कर रहा था, तभी इसके हमले को रोकने के लिए अमेरिका ने जापान पर परमाणु बम से हमला कर दिया और जापान को उसने कभी नहीं भूलने वाला दर्द दिया।

द्वितीय विश्व युद्ध को 1939 से लेकर 1945 तक लड़ा गया। परमाणु हमले का असर ऐसा था कि इस शहर के आसपास बसे शहरों में भी परमाणु विकिरण के कारण कई सालों तक अपंग बच्चे पैदा होते रहें। अपने दो शहरों को बुरी तरह से जलता देख आखिरकार जापान ने अमेरिका के सामने सरेंडर किया, जिसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हुआ। दरअसल, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेना ने अमेरिका के नौसैनिक अड्डे पर्ल हार्बर पर हमला किया था, जिसका जवाब अमेरिका ने हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराकर दिया। अमेरिका द्वारा जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराया गया बम इतिहास के पन्नों में काला अध्याय के नाम से दर्ज है। हर साल 6 अगस्त को शांति की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए इस दिन को याद करते हुए हिरोशिमा डे के रूप में मनाया जाता है।