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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी प्रखंड में मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए ASI को सर्वे की इजाजत दे दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ASI को शत-शत सर्वे करने की इजाजत दी है। अपने फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि न्याय के लिए सर्वे जरूरी है। जिससे वास्तविक चीजों का पता लगाया जा सके। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ASI को बिना खुदाई के सर्वे करने की अनुमति दी है। ताकि किसी भी प्रकार से ज्ञानवापी परिसर में सर्वे से दिक्कत ना हो।
कल से शुरू होगा ASI सर्वे:
इलाहाबाद हाइकोर्ट ने ASI को आज सर्वे की इजाजत दे दी। जिसके बाद मुस्लिम पक्ष ने फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय किया है। वही सर्वे की इजाजत मिलने के बाद बनारस के डीएम, और पुलिस कमिश्नर, के साथ ASI ने बैठक की और सर्वे कब से शुरू करना है। प्रशासन से क्या मदत चाहिए इस मुद्दों पर बातचीत की।
HC के आदेश के बाद बयानबाजी शुरू: इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश के बाद जहां एक तरफ हिन्दू पक्ष खुशियां मना रहा है। तो वही इस फैसले के ख़िलाफ़ मुस्लिम पक्ष के वकील ने सुप्रीम कोर्ट जाने का रुख किया है।
HC के सर्वे के आदेश के बाद से नेताओं के बयान भी अब सामने आने लगे है। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सर्वे के बाद सारी सच्चाई सामने आ जाएगी यह मामला बिल्कुल राम जन्मभूमि विवाद की तरह ही है। बहुत जल्द कारण होगा और शिव भक्तों की मनोकामना पूरी की जाएगी।
वही सपा के संसद एस टी हसन ने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए इसका पालन करेंगे।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला जे कहा कि मंदिर हो या मस्जिद वह सभी का है। आप उसे मंदिर देखे या मस्जिद कोई अंतर नही
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना फिरंगी माली ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही न्याय होगा। यह मस्जिद 600 साल पुरानी है। और यहां का मुसलमान 600 साल से वहां इबादत करता रहा है।