कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पार्ट 2 की शुरुवात, पश्चिम यूपी में कांग्रेस का फोकस

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आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने अपनी तैयारियों पर ध्यान देना शुरू कर दिया है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा सीजन लेकर अब उत्तर प्रदेश में एंट्री करने जा रही है. इस यात्रा की शुरुआत गुजरात के पोरबंदर से होकर इस यात्रा की समाप्ति त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में होगी. भारत जोड़ो यात्रा पार्ट 2 के सूत्रधार इस बार कांग्रेस के पुराने कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह होंगे.
यूपी पर होगी कांग्रेस की नजर:

राहुल गांधी ने जब अपनी भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी तब सत्ता पक्ष में काबिज भारतीय जनता पार्टी और तमाम राजनीतिक विश्लेषकों ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें हैं और राहुल की भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश को छूकर ही निकल गई. इतने बड़े प्रदेश में आखिर राहुल ने इस यात्रा के दौरान यूपी को समय क्यों नही दिया. यह सवाल कांग्रेस पार्टी को कहीं न कहीं चुभती थी. लेकिन इस बार इस यात्रा के दूसरे फेज में राहुल गांधी 20 से 25 दिन तक अपनी यात्रा को जारी रखेंगे. साथ ही साथ उनके गठबंधन के सहयोगी दल के नेता अखिलेश यादव और पश्चिम की राजनीति में खासा प्रभाव रखने वाले रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी भी शामिल होंगे. भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस का फोकस उत्तर प्रदेश की पश्चिम की सीटों पर होगा. पश्चिम में लोकसभा की कुल 27 सीटें हैं जिनमें कांग्रेस अपनी नजर बनाई हुई है. अगर देखा जाए तो पश्चिम में विपक्ष कहीं ना कहीं मजबूत नजर आ रहा है. यही वजह है कि भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों में ही छाई रहेगी और पश्चिम के कई जिलों से होकर यात्रा गुजरेगी.
प्रियंका गांधी दिखाएंगी सक्रियता:

यूपी में अपनी स्थिति को और भी मजबूत करने के लिए प्रियंका गांधी पर भी कांग्रेस ने अपना दांव खेल दिया है. प्रियंका गांधी इसके पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रह चुकी है और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रियंका गांधी इस बार फिर से अपने सक्रियता यूपी में दिखाने वाली हैं. एक तरफ जहां उनके भाई भारत जोड़ो यात्रा को लीड करते हुए उत्तर प्रदेश में खासतौर पर पश्चिम की 27 लोकसभा सीटों को साधने का प्रयास करेंगे. तो उधर प्रियंका गांधी पूरे उत्तर प्रदेश में जनसभा के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं से जन संवाद स्थापित करते हुए नजर आएंगी.
भाजपा को पश्चिम से हटाना टेडी खीर:
पिछले चुनाव की अगर बात करें जिनमें लोकसभा और विधानसभा का चुनाव भी शामिल है तो भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम में अपनी स्थिति को मजबूत बनाए रखा है. देशव्यापी किसान आंदोलन के बाद भी भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम से अच्छी खासी सीटें निकाली थी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी खुद पश्चिम से आने वाले बड़े नेता है. कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के साथ पश्चिम की राजनीति से भारतीय जनता पार्टी को हटाने में जुटी हुई है.