Sahara Refund Portal Launched: Check key details

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सहकारिता केंद्रिय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार यानी आज 18 जुलाई को ‘सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल’ की शुरुआत की है। इस पोर्टल का मकसद सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में जमा करोड़ों लोगों की मेहनत की कमाई को लगभग 45 दिनों में वापस करना है।
गृह मंत्री अमित शाह ने इस पल को ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि यह पहली बार है जब जमाकर्ताओं को ऐसे मामले में उनके रुपये वापस मिल रहे हैं, जहां कई सरकारी एजेंसियां शामिल हैं और प्रत्येक ने संपत्ति जब्त की है।
45 दिनों में मिलेगा रिफंड
गृह मंत्री ने जमाकर्ताओं को भरोसा दिया कि अब उनका धन कोई नहीं रोक सकता है और पोर्टल पर पंजीकरण करने के 45 दिनों में उन्हें रिफंड मिल जाएगा।
10 करोड़ निवेशकों को राहत
सरकार ने 29 मार्च को कहा था कि चारों सहकारी समितियों के 10 करोड़ निवेशकों को नौ महीने के भीतर उनके रुपये लौटा दिए जाएंगे। बता दें, यह घोषणा उच्चतम न्यायालय के उस आदेश के बाद हुई, जिसमें सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक (सीआरसीएस) को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया गया था।
अधिक निवेशकों की बढ़ेगी राशि
गृह मंत्री ने बताया की शुरुआत में जमाकर्ताओं को 10,000 रुपये तक का रिफंड मिलेगा। बाद में जिन्होंने अधिक निवेश किया है उन लोगों के लिए राशि बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि 5,000 करोड़ रुपये का कोष पहले चरण में 1.7 करोड़ जमाकर्ताओं को राहत देगा।
ढाई करोड़ लोगों के रुपये जमा
आपको बता दें कि सहारा एक दौर में सबसे बड़ी व्यापारीय कम्पनी होती थी। इसका कार्य वित्तीय सेवाओं, गृहनिर्माण वित्त, म्युचुअल फंडों, जीवन बीमा, नगर-विकास, रीयल-इस्टेट, अखबार एवं टेलीविजन, फिल्म-निर्माण, खेल, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, पर्यटन, उपभोक्ता सामग्री सहित अनेकों क्षेत्रों में फैला हुआ है। फिल्हाल इसके चार सहकारी समितियों- सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में लगभग 2.5 करोड़ लोगों के 30,000 रुपये तक जमा हैं।
सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे गृह मंत्री
शाह ने कहा कि पांच हजार करोड़ रुपये जमाकर्ताओं को दिए जाने के बाद हम उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और उनसे अधिक धनराशि जारी करने का अनुरोध करेंगे, ताकि बड़ी राशि वाले अन्य जमाकर्ताओं का पूरा धन वापस किया जा सके।
वैध दावे प्रस्तुत करने के लिए पोर्टल
इन सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं के वैध दावे प्रस्तुत करने के लिए आईएफसीआई की एक सहायक कंपनी ने पोर्टल विकसित किया है। शाह ने कहा कि इसके लिए दो बातें जरूरी हैं – मोबाइल के साथ आधार पंजीकरण और उस बैंक खाते से आधार को जोड़ना, जिसमें रिफंड जमा करना है। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण के लिए साझा सेवा केंद्र जमाकर्ताओं की मदद करेंगे।