Fri, September 22, 2023

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आज सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकारों से जुड़े दो अहम मामलों की होगी सुनवाई, आ सकता बड़ा फैसला

Supreme Court to hear today Delhi Government’s petition against Delhi Services Ordinance, 2023
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आज सुप्रीम कोर्ट में दो अहम मामलों की सुनवाई होगी। पहला मामला मणिपुर हिंसा को लेकर और दूसरा दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश को लेकर है। सोमवार को मणिपुर हिंसा को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई में अदालत ने राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट सबमिट करने को कहा था। साथ ही पूछा था कि हिंसा रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अभी भी मणिपुर में स्थित पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाई है। वहीं मणिपुर की 45 हजार से ज्यादा स्ट्रेंथ वाली पुलिसफोर्स दो धड़ों में बंट चुकी है। मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखने वाले पुलिस इंफाल घाटी और कुकी समुदाय के पुलिस वाले पहाड़ों की तरफ जा रहे हैं। राज्य के नए पुलिस चीफ राजीव सिंह पर फिलहाल शांति बहाल करने की जिम्मेदारी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऐसे मामले सामने आ रहे थे जिसमें पुलिस कर्मचारी पुलिस स्टेशनों और सुरक्षा कैंपों में रखे हथियार और गोला-बारूद लूटने में भीड़ की मदद कर रहे थे। इससे निपटने के लिए राजीव सिंह ने सभी सुरक्षा बलों को संदेश भेजा कि वे कड़ी निगरानी करें और ऐसे हादसों को होने से रोकें। केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। केंद्र ने एक अध्यादेश के जरिए दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ व जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ सुनवाई कर सकती है। 19 मई को केंद्र ने दिल्ली में ग्रुप-ए अफसरों के स्थानांतरण व पोस्टिंग के लिए प्राधिकरण बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 लागू किया था। बता दें कि 4 जुलाई को मामले में पहली सुनवाई हुई थी, तब कोर्ट ने केंद्र सरकार और उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया था। वहीं, 6 जुलाई को सीनियर एडवोकेट अभिषेक सिंघवी ने कोर्ट से मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी। केजरीवाल सरकार ने 30 जून को कोर्ट में याचिका दाखिल कर केंद्र के अध्यादेश को चुनौती दी थी। दरअसल, केंद्र सरकार ने 19 मई को अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अध्यादेश जारी किया था। अध्यादेश में उसने सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को मिला था। अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल यानी एलजी का होगा। इसमें मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं होगा।

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