Thu, September 21, 2023

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पटना में एक होगा विपक्ष, 23 जून को होगी बड़ी बैठक

Ghulam Nabi Azad comes in support of the new Parliament House
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बिहार में बाहर है नीतीशे कुमार है, एक बार फिर से नीतीश कुमार चर्चा में है वो भी इसलिए क्योंकि वो सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने में कामयाब हो गए है. आगामी 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में देश भर के सभी विपक्षी दलों के नेता इस बैठक में शिरकत करेंगे और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे. बीते 1 साल से नीतीश कुमार मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी पार्टियों की लामबंदी कर रहे है ताकि उनका राजनीतिक करियर 2025 के बाद भी अस्तित्व में कायम रहे.

23 जून को होनी है बैठक, इन सभी को गया न्योता:

पटना में इस बैठक के लिए काफी पहले से तैयारियां चल रही थी 23 जून को आयोजित होने वाली ये बैठक इसी हफ्ते होनी थी सभी दल इस हफ्ते बैठक में अपने अपने कारणो से शामिल नही हो पा रहे थे जिसके बाद इसकी तारीख बढ़ा कर 23 जून कर दी गई.

इस बैठक में देश की सबसे पुरानी राजनीति पार्टी कांग्रेस, उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी सपा, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, डीएमके, राजद, रालोद, जदयू शामिल है इस बैठक का नेतृत्व नीतीश कुमार करेंगे, नीतीश ने कांग्रेस से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को विशेष रूप से अपने दिल्ली दौरे के दौरान आमंत्रित भी किया था वही नीतीश दिल्ली से लजनऊ आते वक्त अखिलेश यादव से भी मिलकर आए थे।

बसपा को नही दी तवज्जो:

सभी विपक्षी दलों की होने वाले इस बैठक में बहुजन समाजवादी पार्टी को न्योता नही दिया गया.. जिसकी वजह बसपा पर भाजपा की बी टीम होने का आरोप लगना हो सकता है.. दूसरी तरफ इस बैठक में AIMIM को भी नही बुलाया गया है. इसका मतलब है कि बाकी सभी पार्टियों की पसंद का भी इस बैठक में विशेष ध्यान रखा गया है.

बिन बसपा यूपी की लड़ाई आसान नही:

उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाला प्रदेश है कहते है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है ऐसे में जिस पार्टी के 22 फीसदी वोट यूपी में हो उसको दरकिनार करके यूपी की लड़ाई कैसे जीती जा सकती है?

पिछले चुनाव में बसपा 12.7 फीसदी वोट पर ही सिमट गई थी लेकिन इस बार बसपा अपने कोर वोटर के साथ साथ मुस्लिम वोटों में भी सेंधमारी की योजना बना रही है, निकाय चुनाव में मेयर की 11 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है ऐसे में जब महाविपक्ष में बसपा समाहित नही है तो वो महाविपक्ष का गणित बिगाड़ कर भाजपा की राह आसान कर सकती है.

बैठक में सशर्त शामिल होगी आप:

आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार के लाए गए अध्यादेश के खिलाफ देश भर की राजनीतिक पार्टियों से राज्यसभा में समर्थन मांग रही है, अरविंद केजरीवाल ने इसके लिए ममता बनर्जी और अखिलेश यादव से मुलाकात कर समर्थन भी हासिल कर लिया है और वही इस बैठक में आप इसी शर्त को रखेगी की कांग्रेस सहित बाकी पार्टियां भी इस मुद्दे पर उसका समर्थन करें. गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यादेश के इस मुद्दे पर आप का विरोध कर रही है।

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