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योगी सरकार में माफियाओं पर शिकंजा लगातार करता चला जा रहा है इसी कड़ी में माफिया मुख्तार अंसारी को आज अवधेश राय हत्याकांड मामले में एमपी एमएलए कोर्ट के द्वारा उम्र कैद की सजा सुनाई गई. 31 साल बाद आए इस फैसले में ₹1लाख का जुर्माना भी मुख्तार अंसारी पर लगाया गया है
क्या था पूरा मामला: अवधेश राय जो कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय के भाई थे. 3 अगस्त 1991 को अवधेश राय अपने भाई अजय राय के साथ अपने घर के बाहर खड़े थे, तभी Maruti वैन से कुछ हमलावर आए और ऑटोमेटिक हथियार से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी इसके बाद जब अजय राय ने हमलवारों को पकड़ने की कोशिश की तो हमलावर मारुति वैन छोड़कर भाग खड़े हुए. इसके बाद उनके भाई ने उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उन्हें डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित कर दिया गया।
इस हत्याकांड की वजह वर्चस्व की जंग बताई गई. उस समय बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी आपस मे वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी अवधेश राय और अजय राय बृजेश सिंह के करीबी थे जिसके वजह से अवधेश राय मुख्तार अंसारी के निशाने पर आ गए और मुख्तार ने उनको अपने रास्ते से हटवा दिया
कांग्रेस नेता पूर्व विधायक अजय राय ने मुख्य हमलावर में मुख्तार अंसारी, भीमसिंह,कमलेश सिंह, राकेश, अब्दुल कलामके खिलाफ FIR दर्ज कराई थी
32 साल बाद आया फैसला, परिवार हुआ खुश
3 अगस्त 1991 में घटी इस घटना के बाद 32 सालों के बाद एमपी एमएलए कोर्ट का फैसला आया है जिसमें मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा और ₹100000 का जुर्माना तय किया गया है कांग्रेस के नेता अजय राय ने कहा कि फैसले का इंतजार तीन दशक तक पूरे परिवार ने किया आज हमारे लिए खुशी का दिल है तीन दशक तक परिवार वेदना में रहा. वही इस हत्याकांड में शामिल दो आरोपियों की मौत हो चुकी है.
18 साल से जेल में बंद है मुख्तार:
मुख्तार अंसारी ने जब इस घटना को अंजाम दिया तो उस समय वह विधायक नहीं था, उसके बाद जब केस में फैसला यार तभी वह किसी भी सदन का सदस्य नहीं था. पिछले 9 महीनों में 5 मामले में मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई गई है जबकि पिछले 18 सालों से वो जेल की चक्की पीस रहा है।