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मणिपुर जिसे साउथ एशिया का प्रवेश द्वार कहा जाता है. वो मणिपुर जिसे देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारत का गहन बताया..वो मणिपुर जहां से पोलो खेल की शुरुवात हुई..वो मणिपुर जहाँ दुनिया की सबसे बड़ी तैरती हुई झील है. वो मणिपुर जहां विदेशी पर्यटकों की तादात अच्छी खासी आती है. वो मणिपुर जो पर्यटन के लिए सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक है
इसी मणिपुर ने पिछले महीने अपनी खूबसूरत धरती पर जातीय संघर्ष देखा आगजनी देखी लोगो को एक दूसरे के खून का प्यासा भी देखा वो मणिपुर जहां ‘मिट्टी के बर्तन’ बनाने की एक प्राचीन कला है वहां के निवासी खुलेआम हथियार लहराते हुए नजर आए.. मणिपुर इस जातीय संघर्ष से इतना दहल चुका था कि इस प्रदेश से आने वाली ओलंपियन मैरीकॉम ने भी केंद्र सरकार से अपील तक की
गृहमंत्री ने किया दौरा: देश के गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले ही दिनों यहां हुई हिंसा का जायजा लेने कुल 3 दिवसीय दौरे पर थे जहां उन्होंने स्तिथि का जायजा लिया.
हिंसा भड़काने वालो पर हो जांच: मणिपुर ट्राइबल्स फोरम ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में हुई जातीय हिंसा में प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद लीशेम्बा सनाजाओबा की भूमिका पर जांच होनी चाहिए. मणिपुर में हिंसा शुरू होने के कुछ दिन बाद ही ही राजधानी दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग और अलग प्रशासन बनाने की प्रक्रिया शुरू करने की अपनी मांग को दोहराया भी है.
MTFD के महासचिव डब्ल्यूएल हंजसिंग ने अपनी बात कहते हुए राज्य सरकार पर एक बड़ा आरोप लगाया कि जब से एन बीरेन सिंह की सरकार आयी है तबसे प्रदेश में ध्रुवीकरण की राजनीति लागातर तेज हो रही है. राज्य सरकार लागातर अपने बयानों को अपने हिसाब से बदल रही है वही उन्होंने केंद्र सरकार और गृहमंत्री से उम्मीद भी लगाए बैठी है।