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हर साल अमेरिका में एक प्रतियोगिता आयोजित की जाती है जिसे स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग B कहते है और इस बार इसका खिताब भारतीय मूल के एक 14 साल के किशोर देव शाह ने अपने नाम कर लिया है।
देव शाह ने 11 अक्षरों के शब्द ‘psammophile’ का सही उच्चारण करके एक ट्रॉफी के साथ कुल 50,000 डॉलर यानी 41 लाख रुपये का नकद पुरस्कार भी जीता है।
वह पिछले 24 सालों में दक्षिण एशियाई विरासत के साथ स्पेलिंग B का 22वें चैंपियन भी हैं।
दूसरे स्थान पर रहीं थी शार्लेट


अमेरिका के मैरीलैंड में हुई इस प्रतियोगिता में देव शाह ने कहा,क्या “यह असली है। मेरे पैर अभी भी कांप रहे हैं।”
देव शाह का विजयी शब्द ‘सैम्मोफाइल’ था, जिसे मेरियम-वेबस्टर ने एक ऐसे जीव के रूप में परिभाषित भी किया था, जो सिर्फ रेतीली जगहों पर पनपता है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देव शाह ने पहले वर्ष 2019 और 2021 में भी इस प्रतियोगिता में भाग भी लिया था।
इस प्रतियोगिता में दूसरे नम्बर पर वर्जीनिया की 14 साल की किशोरी शार्लेट वाल्श रहीं।
this is an elite performance. We are witnessing greatness. pic.twitter.com/NFSbGKygjq
— Hanif Abdurraqib (@NifMuhammad) June 2, 2023
कुल3 राउंड में होती है यह प्रतियोगिता
देव शाह दुनियाभर के 11 लाख प्रतियोगियों में से एक फाइनलिस्ट भी रहे।
इस प्रतियोगिता का पहला राउंड मंगलवार से शुरू हुआ था, जबकि क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल का मुकाबला बुधवार को आयोजित किए गए।
आपको बता दें कि देव शाह से पहले पिछले साल टेक्सास की 8वीं कक्षा की छात्रा हरिनी लोगान ने एक भारतीय-अमेरिकी विक्रम राजू को हराकर यह खिताब जीता था।
हरिनी ने इस जीत से कुल 50,000 डॉलर का इनाम जीता था, जबकि विक्रम को दूसरे स्थान का पुरस्कार के रूप में कुल 25,000 डॉलर मिला था।
बीते वर्ष के विजेताओं की सूची:
वर्ष 2021 में आयोजित हुई इस प्रतियोगिता को लुईजियाना के न्यू ऑरलियन्स की रहने वाली एक अफ्रीकी-अमेरिकी जैला एवांट गार्डे ने स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग B की प्रतियोगिता जीती थी और वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण इस प्रतियोगिता का आयोजन नहीं हुआ था।
- वर्ष 2018 में इसके विजेता भारतीय अमेरिकी कार्तिक नेम्मानी थे।
- वर्ष 1925 से आयोजित होती आ रही है यह प्रतियोगिता
- इस प्रतियोगिता को इतिहास में सबसे कठिन प्रतियोगिता भी माना जाता है।
- वर्ष 1925 में शुरू हुई नेशनल स्पेलिंग B में सालों से भारतीय-अमेरिकियों मूल के लोगो का ही दबदबा रहा है।
- यह 8वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए आयोजित की जाती है और इसमें कुछ सेकंड में ही कई शब्दों का सही उच्चारण करना होता है।
वर्ष 2019 में पहली बार इस प्रतियोगिता में 2 से अधिक सह-विजेता भी घोषित किए गए थे, जिसमें 8 में से 7 विनर भारतीय मूल के थे।
आपको बता दें कि प्रतियोगिता को साल 2020 में रद्द कर दिया गया था, लेकिन कुछ बदलावों के साथ वर्ष 2021 में यह प्रतियोगिता Online आयोजित की गई।