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बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे पहलवानों ने हरिद्वार में गंगा में अपने मेडल नहीं बहाए। उन्होंने किसान नेता नरेश टिकैत को मेडल सौंप दिए। पहलवान वापस दिल्ली आ रहे हैं। पहलवानों ने कहा था कि वो आज शाम 6 बजे गंगा में अपने मेडल बहाएंगे। पहलवान शाम होते-होते हरिद्वार पहुंच गए। दीपेंद्र हुड्डा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई नेताओं ने पहलवानों से मेडल न बहाने की अपील की थी। किसान नेता पहलवानों को समझाने के लिए हरिद्वार भी पहुंचे।भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता नरेश टिकैत पहलवानों से मिलने मौके पर पहुंचे उन्होंने काफी देर तक पहलवानों को समझाया। उन्होंने पहलवानों को आश्वासन दिया कि वह पहलवानों को इंसाफ दिलाने के लिए वार्ता करेंगे नरेश टिकैत की बात मानने के बाद पहलवान करीब पौने दो घंटे के बाद वापस लौट गए हैं। इससे पहले साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट करीब एक घंटे तक हर की पौड़ी में बैठकर मेडल पकड़े रोते रहे। इससे पहले गंगा समिति पहलवानों के खिलाफ खड़ी हो गई थी। उनका कहना था कि ये हर की पौड़ी पूजा-पाठ की जगह है, राजनीति की नहीं। बता दें, ये पहलवान बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे। रविवार को पुलिस से हुई झड़प के बाद ये जंतर-मंतर से लौट आए थे। केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा, पूरा देश स्तब्ध है। पूरे देश की आंखों में आंसू हैं। अब तो प्रधान मंत्री जी को अपना अहंकार छोड़ देना चाहिये। इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी ट्वीट किया और लिखा, हमारे देश के अंतराष्ट्रीय पदक विजेता पहलवानों द्वारा केंद्र सरकार से दुखी होकर अपने पदकों को हरिद्वार गंगा जी में बहाने जाना देश के लिए बहुत शर्मनाक है। अगर समय रहते आवाज न उठाई गई तो अगली बारी देश के लोकतंत्र की अस्तियों को बहाने की होगी।