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अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत काफी तेजी से आगे बढ़ता चला जा रहा है जिसकी वजह है भारत की अंतरिक्ष की क्षेत्र में आत्मनिर्भरता. बीते 28 मई को पूर्ण स्वदेशी NAVIC के बेहद सफलतापूर्वक लांच के साथ ही भारत की उपलब्धियों में एक और अध्याय जुड़ चुका है।



ISRO को बड़ी कामयाबी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ISRO को बेहद बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. 28 मई सोमवार सुबह 10.42 बजे श्रीहरिकोटा से GSLV F12 के जरिए NVS-01 सैटेलाइट को लॉन्च किया गया था. यह सेकेंड जेनरेशन का सैटेलाइट है जिसे भारत अपने नेविगेशन कांस्टेलेशन (NavIC) में अब शामिल करेगा। भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जिसके पास रीजनल सैटैलाइट-बेस्ड नेविगेशन सिस्टम है। पहली बार नेविगेशन सैटेलाइट को जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च वीइकल (GSLV) से लॉन्च भी किया गया। यह कुल 2,232 किलो वजनी सैटेलाइट NVS-01 पूरे कांस्टेलेशन में सबसे भारी है। अभी भारत के क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) कांस्टेलेशन में 7 सैटेलाइट हैं। उनमें से हर एक का वजन लिफ्टऑफ के समय करीब 1,425 KG होता है। इन सभी को पोलर सैटेलाइट लॉन्च वीएकल (PSLV) के जरिए अंतरिक्ष में भेजा गया था
GSLV-F12/NVS-01 Mission:
— ISRO (@isro) May 29, 2023
GSLV F12's 🚀
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भारत के आस पास के इलाकों पर रखेगा कड़ी नजर: इस सैटेलाइट लॉन्च के बाद के बाद से भारत के आस पास के 1500 किमी एरिया का रियल टाइम अपडेट देगा. वही ISRO ने दूसरी जेनरेशन के ये सैटेलाइट देशी ग्लोबल पॉजिशनिग सिस्टम NAVIC को बेहतर करने के लिए बनाया गया हैं।