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राजधानी दिल्ली में आज नीति आयोग की गवर्निंग काउंसलिंग की आठवीं मीटिंग शुरू हो चुकी है। इस मीटिंग की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता कर रहे हैं। विज्ञान भवन में होने वाली ये बैठक एमएसएमई, बुनियादी ढांचे और निवेश, अनुपालन को कम करने, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए होनी है। इस बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल, पदेन सदस्यों के रूप में केंद्रीय मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष और सदस्य को भी आमंत्रित किया गया है। बैठक में 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आने से इनकार कर दिया है। इनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन बैठक में नहीं जाएंगे।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को आदेश दिया था कि दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार दिल्ली सरकार के पास रहेंगे। इसके बाद, केंद्र सरकार 20 मई को एक अध्यादेश लाई और ये अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए। केजरीवाल इसी अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने लिखा- केंद्र के अध्यादेश का पूरा देश विरोध कर रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि अगर प्रधानमंत्री जी सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं मानते तो हम न्याय के लिए फिर कहां जाएंगे। जब खुलेआम संविधान का मजाक बनाया जा रहा हो तो मीटिंग में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता। बता दें इस साल के शुरूआत में 8वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की तैयारी के रूप में दूसरा मुख्य सचिव सम्मेलन आयोजित किया गया था। जहां कई विषयों पर व्यापक चर्चा की गई थी। सम्मेलन से पहले विषय विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और चिकित्सकों के साथ व्यापक हितधारक परामर्श और विचार-मंथन सत्र आयोजित किए गए थे ताकि जमीनी स्तर के दृष्टिकोण को अच्छी तरह से विकसित किया जा सके।

8वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक 2047 तक विकसित भारत के लिए एक रोडमैप बनाने का अवसर प्रदान करती है जिसमें केंद्र और राज्य टीम इंडिया के रूप में मिलकर काम कर सकते हैं। नीति आयोग ने आगे कहा, यह 8वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक भारत के जी20 प्रेसीडेंसी की पृष्ठभूमि में भी आयोजित की जा रही है। आयोग ने कहा, उभरती दुनिया को भारत की मूल्य-आधारित नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता और बड़े पैमाने पर विकास प्रदान करने की क्षमता के लिए बहुत उम्मीदें हैं। केंद्र और राज्यों ने इस विशिष्ट विकास प्रक्षेपवक्र को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत का विकास राज्यों के विकास के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। जैसा कि प्रधानमंत्री ने अपने 76वें स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में कहा था, जब हमारे राज्य बढ़ते हैं, भारत बढ़ता है। यह अगली तिमाही सदी के लिए भारत की समावेशी और टिकाऊ विजन की मार्गदर्शक भावना होगी। इस विजन को प्राप्त करने के लिए, बैठक केंद्र-राज्य सहयोग को मजबूत करने और विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए साझेदारी बनाने के लिए एक मंच प्रदान करेगी। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस समय तमाम भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री इस बैठक में भाग लेंगे।