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साल 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों के नेता सभी को एकजुट करने के लिए भागदौड़ किए हुए हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले काफी समय से विपक्ष को एकजुट करने के लिए लगातार बैठक और मंथन करने में लगे हुए हैं। ऐसे ही आम आदमी पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली से निकलकर दूसरे राज्यों में जाकर विपक्ष के नेताओं से मुलाकात करने में लगे हुए हैं। मंगलवार को सीएम केजरीवाल दिल्ली से कोलकाता पहुंचे। दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग मुद्दे पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों से मिल रहे हैं। केजरीवाल मंगलवार को कोलकाता गए और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात कर समर्थन मांगा। बुधवार और गुरुवार को केजरीवाल मुंबई में रहेंगे और उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मिलेंगे। इससे पहले, कांग्रेस ने सोमवार को केजरीवाल का समर्थन किया था।ममता ने भी केजरीवाल का समर्थन करते हुए कहा कि संसद के मानसून सत्र में अगर केंद्र सरकार अध्यादेश को लेकर बिल लाती है तो हम इसका विरोध करेंगे। ममता ने अन्य दलों से भी अध्यादेश का विरोध करने की अपील की है। ममता ने केंद्र को लेकर कहा, वे क्या सोचते हैं, क्या हम उनके बंधुआ मजदूर हैं, नौकर हैं, हम चिंतित हैं कि वे संविधान को बदल सकते हैं। उन्हें लगता है कि वे देश का नाम बदलकर पार्टी का नाम रख सकते हैं। वे संविधान को ध्वस्त करना चाहते हैं। केवल सुप्रीम कोर्ट ही देश को बचा सकता है। केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली और पंजाब के कांग्रेस नेताओं ने बैठक की। इसमें प्रताप सिंह बाजवा, अजय माकन, संदीप दीक्षित समेत अन्य कांग्रेस नेता शामिल थे।सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता अध्यादेश के विरोध के मुद्दे पर आप सरकार को समर्थन देने के खिलाफ थे। इससे पहले सोमवार को इसी मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान चर्चा की थी। इसके बाद कहा गया था कि कांग्रेस इस मुद्दे पर केजरीवाल सरकार का समर्थन करने पर सहमत है।