रविवार, मई 28Digitalwomen.news

राष्ट्रपति को न बुलाने पर विपक्ष एकजुट: पीएम मोदी के नए संसद भवन के उद्घाटन का कांग्रेस समेत 19 विपक्षी पार्टियों ने किया बॉयकॉट का एलान

19 Opposition parties to boycott new Parliament inauguration: ‘Undemocratic acts not new to PM Modi’
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3 दिन बाद रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजधानी दिल्ली में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा के तहत नए संसद भवन का उद्घाटन करने जा रहे हैं। लेकिन भाजपा सरकार के इस नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने बॉयकॉट करने का एलान कर दिया है। विपक्षी पार्टियों के अधिकांश नेताओं की मांग है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाया जाए। जिसके बाद सियासत भी गरमा गई है। बुधवार को 19 विपक्षी दलों ने एक सुयंक्त बयान जारी कर कार्यक्रम के बहिष्कार का एलान किया है। विपक्ष ने कहा कि लोकतंत्र की आत्मा को नई संसद से निष्कासित कर दिया गया है। हमें नई इमारत में कोई मूल्य नहीं दिखता। हालांकि गृहमंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम के बहिष्कार पर बुधवार को कहा कि भारत सरकार ने सभी दलों से कार्यक्रम में शामिल होने की विनती की थी, सब लोग आएं यही हमारी भावना है। बता दें कि तीन दिन पहले नए संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को न बुलाने पर सबसे पहले राहुल गांधी ने मुद्दा उठाया। राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा- संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं। कांग्रेस ने कहा- 28 मई को हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है। इसी दिन नए संसद भवन का उद्घाटन करना राष्ट्र निर्माताओं का अपमान है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ना बुलाए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा- ऐसा लगता है कि मोदी सरकार सिर्फ चुनावी फायदा उठाने के लिए दलित और आदिवासी समुदाय से राष्ट्रपति बनाती है। वे देश की पहली नागरिक हैं। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी संसद की नई बिल्डिंग का राष्ट्रपति द्वारा उद्घाटन नहीं करने पर उनका अपमान बताया। ब्रायन ने कहा, यह भारत के दलित आदिवासी और वंचित समाज का अपमान है। उन्होंने आगे कहा, संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है, यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और नियमों और भारतीय लोकतंत्र की नींव है। पीएम मोदी के लिए बिल्डिंग का इनॉगरेशन सिर्फ उनके लिए है, हमारे लिए नहीं। आप नेता संजय सिंह ने कहा, आप भी इनॉग्रेशन का बॉयकाट करेगी। क्योंकि पीएम ने राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया। सीपीआई नेता डी राजा ने भी कहा कि उनकी पार्टी उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी। सीपीआईएम ने भी इस समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बुधवार को कहा- हमारी संसद ऐतिहासिक है। यह अभी सौ साल चल सकती है। इसे बनाने में संघ और भाजपा का कोई हाथ नहीं है। अब नई इमारत बनाकर उसमें शिला लगाई जाएगी कि इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया है। इसी के लिए इतना खर्चा हो रहा है। चलो ये भी ठीक है। लेकिन राष्ट्रपति जो इस देश की प्रमुख हैं। आदिवासी महिला हैं। पार्लियामेंट की कस्टोडियन हैं। आप उनको नहीं बुला रहे। उनके हाथों से नए संसद भवन का उद्धाटन कराना तो प्रोटोकॉल है। लेकिन आप नहीं कर रहे हैं। क्योंकि आप प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन करवाकर एक पॉलिटिकल इवेंट कर रहे हैं। इसलिए सभी विपक्षी पार्टियों ने तय किया है कि हम इसमें नहीं जाएंगे।

नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में यह 19 विपक्षी पार्टियां नहीं होंगी शामिल-

रविवार 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में यह 19 पार्टियां नहीं होंगी शामिल। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), समाजवादी पार्टी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना गुट, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, झारखंड मुक्ति मोर्चा, करेला कांग्रेस मनी, विदुथलाई चिरूथाइगल कच्छी, राष्ट्रीय लोक दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और रेवॉल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी अन्य मरूमलारची द्रविड मुनेत्रद कडगम (एमडीएमके) इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे। बता दें कि 862 करोड़ रुपए में बने नए संसद भवन का काम पूरा हो गया है। प्रधानमंत्री ने 10 दिसंबर 2020 को इसकी आधारशिला रखी थी। नए संसद भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। इस बिल्डिंग को पिछले साल नवंबर में पूरा हो जाना था। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनी ये बिल्डिंग प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसे 28 महीने में बनाया गया।अभी लोकसभा में 590 लोगों की सीटिंग कैपेसिटी है। नई लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है। अभी राज्यसभा में 280 की सीटिंग कैपेसिटी है। नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोग बैठ सकेंगे। लोकसभा में इतनी जगह होगी कि दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकेंगे।

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