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एक तरफ जहां कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतने के बाद से कांग्रेस में एक नई जान आ गई है वही बाकी विपक्ष भी कर्नाटक में बीजेपी की हार से काफी खुश नजर आ रही है आने वाले समय में 2024 के आम चुनाव होने वाले हैं ऐसे में कांग्रेस की यह बढ़त देशभर के विपक्ष को एकजुट करने की पहल के रूप में भी काम कर सकती है
राजस्थान में सियासी संग्राम: एक तरफ जहां कांग्रेस कर्नाटक में प्रचंड जीत का जश्न मना रही है वहीं राजस्थान में उसके दो बड़े नेता आपसी द्वंद में उलझे हुए हैं एक तरफ अशोक गहलोत हैं जिन्हें जादूगर कहा जाता है और आलाकमान के फेवरेट भी हैं वहीं दूसरी तरफ सचिन पायलट हैं जिन्होंने राजस्थान के विधानसभा चुनाव में कड़ी मेहनत करने के बाद पार्टी को सत्ता में ले आने में काफी अहम योगदान दिया, अशोक गहलोत सचिन पायलट अब खुलेआम एक दूसरे की आलोचना करते हुए देखे जा रहे हैं मामला यहां तक बढ़ गया है कि सचिन पायलट अपनी एक अलग पार्टी बना सकते हैं ऐसा भी कयास लगाए जा रहे हैं
पायलट की चेतावनी: सचिन पायलट ने पिछले दिनों अपने पांच दिवसीय जन संघर्ष यात्रा की शुरुआत की थी जिसका समापन कल जयपुर में हुआ इस दौरान कई कई विधायकों ने भी उनकी इस यात्रा का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन भी किया है यह माना जा रहा है कि पायलट के पास विधायकों का समर्थन है जो राजस्थान के सियासी गणित को बिगाड़ने का काम कर सकता है, सचिन पायलट ने अपनी पांच दिवसीय जन संघर्ष यात्रा के समापन के दिन राजस्थान की सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 15 दिन का अल्टीमेटम दे दिया है उन्होंने बकायदा अपने इस यात्रा के दौरान तीन मांगे रखी है जिसकी पूरे ना होने पर वह दोबारा आंदोलन शुरू करेंगे
क्या है सचिन पायलट की मांग: सचिन पायलट की पहली मांगों में से एक है राजस्थान लोक सेवा आयोग को भंग करना पायलट का कहना है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग में खुलकर भ्रष्टाचार हो रहा है, ऐसे में राजस्थान लोक सेवा आयोग को भंग करने की जरूरत है…
पायलट की दूसरी मांग यह है कि पेपर लीक होने के बाद सभी परीक्षार्थियों को मुआवजा मिले
तीसरी मांग यह है कि वसुंधरा राजे के खिलाफ को भी मुकदमे दर्ज है उनपर कार्यवाई हो