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सुप्रीम कोर्ट के 5 बेचों की जज ने आज दिल्ली को लेकर जो फैसला सुनाया है, उसके बाद पूरी तरह से आम आदमी पार्टी के दफ्तर के बाहर ढोल नगाड़े बज रहे हैं जबकि भाजपा के कार्यालय में इस वक्त सन्नाटा छाया हुआ है इसका सबसे बड़ा कारण है कि यह फैसला भाजपा शासित केंद्र सरकार के क्षेत्राधिकार से छिनकर दिल्ली सरकार को दे दी गई है और आम आदमी पार्टी के नेता इसे दिल्ली के लोगों की बड़ी जीत बता रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल का कहना है कि भाजपा की केंद्र सरकार और देश के पीएम मोदी देशभर में चुनी हुई सरकारों को असंवैधानिक तरीके से हड़पने का मुहिम चलाया था उस पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा तमाचा जड़ा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की धज्जियां उड़ाते हुए केंद्र सरकार ने होम मिनिस्ट्री के माध्यम से संवैधानिक तरीके से जो अधिकार दिल्लीसरकार को मिले थे, उसे असंवैधानिक तरीके से हड़प लिया जिस पर आज पूर्णविराम लग गया है।
सत्यमेव जयते। दिल्ली की जनता की जीत हुई। लोकतंत्र की जीत हुई। सत्य की जीत हुई। सभी दिल्लीवासियों को बधाई। https://t.co/QiBTXx9IBO
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 11, 2023
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साबित कर दिया कि देश के अंदर मोदी और भाजपा के सपने लोकतंत्र को चकनाचूर कर देंगे, तो उस अंधेरे में रोशनी दिखाने का काम किया है। सच्चाई की जीत में देर हो सकती है लेकिन उसकी जीत सुनिश्चित होगी। 9 साल लंबी 2014 से जो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लड़ाई लड़ रहे थे आज उस लड़ाई में जनता की जीत हुई है। आज का फैसला ऐतिहासिक है और सदियो तक इसे याद रखा जाएगा
आम आदमी पार्टी के मुखिया इतना खुश है कि वह इस फैसले के बाद चीफ जस्टिस चंद्रचूर्ण सिंह को देश के हीरो बताने से भी पीछे नहीं हटे हैं। दिल्ली की जनता जो फैसला लेगी वह पूरी अफसरशाही और बाकी सबपर बाध्य है यह फैसला लोकहित और संविधान के हित में है। केजरीवाल ने साफ कह दिया कि अब पूरी तरह से सिस्टम चेंज होने वाला है। ACB हमारे पास नहीं है लेकिन विजिलेंस है तो ऐसे में भ्रष्टाचार पर हम कार्रवाई कर सकते हैं। बहुत सी ऐसी पोस्ट हैं जिनकी ज़रूरत नहीं, इनको चिन्हित करके खाली करेंगे या खत्म करेंगे। जहां-जहां ज्यादा जरूरत है वहां नई पोस्ट क्रिएट करेंगे।
आज से 8 साल पहले 23 मई 2015 को प्रधानमंत्री ने आदेश पास करवाया कि दिल्ली के सर्विस के मामले दिल्ली सरकार के पास नहीं रहेंगे, केंद्र और LG के पास रहेंगे लेकिन आठ सालों के संघर्ष के बाद आज दिल्ली की जनता की जीत हुई है। आखिर जो जनता जिस सरकार को सत्ता में बैठाती है अगर उसके पास ही अधिकार ना हो कुछ भी फैसले का तो फिर यह उन सभी मतदाताओं के मताधिकार का अपमान है।