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उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव का दूसरा फेज चल रहा है कल बाकी 38 जिलों के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे… निकाय चुनाव को सभी राजनीतिक दल लोकसभा की तैयारी के रूप में देख रहे है. निकाय चुनाव में सपा और भाजपा के बीच टक्कर बताई जा रही है…
बीजेपी की प्रतिष्ठा का सवाल: निकाय चुनाव के लिए बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है यह कहना गलत नही होगा..क्योंकि यूपी में निकाय चुनाव में बीजेपी के फायरब्रांड नेता और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इसकी कमान संभाले हुए थे… दूसरे फेज के चुनाव प्रचार थमने तक योगी आदित्यनाथ ने सबसे ज्यादा कुल 22 जनसभाएं की और प्रत्याशियों के लिए वोट की अपील की.
जनसभा से दूर रही बसपा-कांग्रेस:
निकाय चुनाव में टक्कर बीजेपी और सपा में है इन दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं ने प्रदेश भर में जनसभाएं कर सभी से वोट की अपील की है…लेकिन इस कड़ी में बसपा और कांग्रेस फिसड्डी साबित हुई जहां एक तरफ बसपा सुप्रीमो मायावती फील्ड पर कम सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘ट्विटर’ पर ज्यादा एक्टिव रही वही कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी निकाय चुनाव में यूपी से दूरी बना कर रखी और अपना ध्यान कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर ही केंद्रित रखा.
दलबदलुओं की हुई चांदी, तो कुछ को लगी निराशा:
यूपी में हो रहे निकाय चुनाव में दलबदलुओं की मौज रही तो वही कुछ कर्मठ कार्यकर्ताओं को निराश हाथ लगी. भारतीय जनता पार्टी ने इस निकाय चुनाव में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी सपा के नेताओ को बीजेपी में शामिल कर समाजवादी पार्टी को बैकफुट पर धकेलने की कोशिश करी.
शाहजहांपुर पर लगा है दाव:
इस बार के निकाय चुनाव में शाहजहांपुर पहली बार नगर निगम के मैदान पर है. यहाँ की सपा की घोषित प्रत्याशी अर्चना वर्मा ने सपा छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है. शाहजहांपुर से बीजेपी के 3 मंत्रियों सुरेश खन्ना, जेपीएस राठौर, जितिन प्रसाद की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है।