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MIG 21 और हादसे

MiG-21: A brief look at the history of the IAF’s most widely used aircraft
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राजस्थान के हनुमानगढ़ में मिथुन के क्रैश होने की सूचना आई है इस हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई वही दोनों पायलट अब तक सुरक्षित बताए जा रहे हैं…बताया जा रहा है कि इस विमान ने सूरत से अपनी उड़ान भरी थी..आपने अक्सर MIG21 के बारे में सुना ही होगा.. कभी अपनी असीम वीरता का परिचय देने वाला मिग 21 आज हादसों का शिकार हो रहा है… हर साल मिग 21 की खबर अब हादसों के साथ आती है

MIG 21 का इतिहास….

किसी जमाने में यह मिग-21 इंडियन एयर फोर्स की बैकबोन माने जाते थे लेकिन आज यही मिग 21 न तो युद्ध और न ही उड़ान के लिए फिट बैठ पा रहे है….मिग 21 को वायुसेना के बेड़े में 1963 में शामिल किया गया था तब से लेकर आज तक यह लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना के लिए अपनी सेवाएं दे रहा है….

जब मिग 21 को रिटायर करने की हुई मांग:

मिग 21 पिछले 6 दशक से भारतीय वायुसेना में अपनी सेवाएं दे रहा है… लेकिन अगर सुरक्षा रिकार्ड की बात करें तो मिग 21 का सुरक्षा रिकार्ड बेहद ही खराब रहा है…
साल 2013 से लेकर अब तक कुल 22 मिग 21 हादसों का शिकार हो चुके है जिसमें वायुसेना के कई पायलट भी शहीद हुए है….

जब से मिग 21 को वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया तब से यह लगभग 400 बार क्रैश हो चुका है और 200 से अधिक जान भी ले चुका है…ऐसे में लगातार इस पुराने लड़ाकू विमान को रिटायर करने की मांग होती रही हैं… मिग 21 को साल 1962-63 में वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया था…इस विमान ने 1965, 1971, 1999 की जंग भी लड़ी है और एयर स्ट्राइक में भी इसका बखूबी इस्तेमाल किया गया था… यह भारत का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है जो ध्वनि की गति से तेज चलता है…हालांकि अब इस विमान का निर्माण बन्द हो चुका है लेकिन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड इसे एक लाइसेंस के तौर पर अपग्रेड करती हैं।

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