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राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। रविवार को पहलवानों के धरना स्थल पर रविवार को देशभर की खापों की महापंचायत हुई। साढ़े 4 घंटे चली इस महापंचायत में बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया। दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों को किसान संगठनों और खाप पंचायतों ने खुलकर समर्थन दे दिया है। खाप के साथ-साथ बड़ी तादाद में किसान संगठन के लोग जंतर-मंतर पहुंच गए हैं। रविवार को भारतीय किसान यूनियन उगराहां और संयुक्त किसान मोर्चा, दोनों के कार्यकर्ताओं ने जंतर-मंतर पर जमावड़ा लगाया। पंजाब से आए बीकेयू के सदस्यों ने इस दौरान लंगर भी लगाया। भारी भीड़ को देखते हुए पहले ही दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड में आ गई थी। सोनीपत-दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर अलर्ट जारी कर दिया गया था। सिंघु बॉर्डर पर भी भारी पुलिस बल की तैनाती रविवार सुबह से ही कर दी गई थी। यहां एसएसबी की बटालियन भी तैनात है। पुलिस यहां पिकेट लगाकर चेकिंग कर रही है। इस दौरान किसानों और पहलवानों ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सरकार को 15 दिन का वक्त दिया है। किसान संगठनों ने पहलवानों के साथ आज धरना स्थल पर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंच पर राकेश टिकैत, 24 खापों के प्रधान, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक नजर आए। किसानों और पहलवानों ने सरकार को 15 दिन की डेडलाइन दी है। उन्होंने कहा, पहलवान अपना संघर्ष जारी रखें। संयुक्त किसान मोर्चा और खापों की मांग है कि बृजभूषण को गिरफ्तार किया जाए। 21 मई तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं हुई तो बड़ा फैसला लिया जाएगा। राकेश टिकैत ने कहा कि पहलवानों ने हमें शांतिपूर्ण आंदोलन के समर्थन करने और स्वयंसेवकों की तैनाती करने के लिए कहा है। टिकैत ने आगे कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन लोगों ने देश को गौरवान्वित किया, उन्हें बाहरी जैसा महसूस कराया जा रहा है। देश का मान बढ़ाने वालों को बेगाना महसूस किया जा रहा है। टिकैत ने कहा कि इस आंदोलन को खिलाड़ियों की कमेटी ही चलाएगी। मगर, अब रोजाना धरनास्थल पर किसी न किसी गांव से किसी न किसी खाप के लोग यहां मौजूद रहेंगे। यह लोग सुबह से शाम तक खिलाड़ियों के साथ रहेंगे। यह बेटियों का मामला है। इसमें पॉलिटिक्स नहीं होनी चाहिए।