बुधवार, मई 31Digitalwomen.news

गैंगस्टर एक्ट मामला: बाहुबली मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा, छोटे भाई अफजाल अंसारी पर भी आज आएगा फैसला

Gangster-turned-politician Mukhtar Ansari convicted
JOIN OUR WHATSAPP GROUP

उत्तर प्रदेश के बाहुबली मुख्तार अंसारी से जुड़े गैंगस्टर एक्ट वाले केस में शनिवार को सजा सुना दी गई है। गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 16 साल पुराने मामले में पूर्व विधायक को 10 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। ये मामला बीजेपी के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से जुड़ा हुआ है। इस केस में बीएसपी के वर्तमान सांसद और मुख्तार अंसारी के भाई पर भी गैंगस्टर एक्ट लगा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक अफजाल अंसारी पर आज 4 बजे कोर्ट फैसला सुना सकता है।मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट की सुनवाई में जुड़ा जबकि अफजाल कोर्ट में पेश हुए।अफजाल अंसारी की सजा को लेकर कोर्ट में जिरह चल रही है। किसी भी समय अफजाल पर फैसला आ सकता है। अगर उनको दो साल से ज्‍यादा की सजा मिलती है तो उनकी लोकसभा सदस्‍यता जाना तय है। दिवंगत भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय का बयान सामने आया है। उन्‍होंने कहा कि मैं न्यायपालिका में विश्वास करती हूं। गुंडों, माफियाओं का शासन (राज) खत्म हो गया है। ये या तो जेल में रहेंगे, नहीं तो ऊपर चले जाएंगे।

बता दें कि उत्तर प्रदेश की गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर 1985 से 2002 तक अंसारी बंधुओं का दबदबा रहा। साल 2002 में भाजपा नेता कृष्णानंद राय ने अंसारी फैमिली का विजय रथ रोकते हुए चुनाव जीता और विधायक बन गए। उन्होंने अफजाल अंसारी को 8 हजार वोटों से मात दी। यहीं से अंसारी और कृष्णानंद राय के बीच अदावत शुरू हो गई। चुनावी जीतने के बाद तीन साल बाद 29 नवंबर 2005 को बीजेपी विधायक राय एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करने जा रहे थे। टूर्नामेंट पास के गांव में था। इसलिए वे बुलेट प्रूफ गाड़ी की जगह सामान्य वाहन से चले गए। यहां से जब वो लौटने लगे, तब भावंरकोल की बसनिया पुलिया के पास एसयूवी गाड़ी उनकी गाड़ी के सामने आकर खड़ी हो गई। विधायक और उनके साथी कुछ भी समझ पाते, इससे पहले ही एसयूवी से 8 लोग उतरे और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। एके-47 से तकरीबन 500 राउंड फायरिंग की गई। विधायक और उनके साथ गाड़ी पर सवार 6 लोग और गाड़ी भी छलनी हो गई। विधायक कृष्णानंद राय समेत 7 शवों का जब पोस्टमॉर्टम हुआ, तो सभी के शरीर से कुल 67 बुलेट मिलीं। मृतकों में विधायक के अलावा मोहम्दाबाद के पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्याम शंकर राय, भांवरकोल ब्लॉक के मंडल अध्यक्ष रमेश राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, मुन्ना यादव और उनके अंगरक्षक निर्भय नारायण उपाध्याय थे।

इस हत्याकांड के बाद पूरा पूर्वांचल दहल उठा। विधायक के समर्थक तोड़फोड़ पर उतर आए, जमकर आगजनी की गई। विधायक की पत्नी अलका राय ने मुख्तार, अफजाल अंसारी के अलावा मुन्ना बजरंगी समेत अन्य कई के खिलाफ केस दर्ज करवाया। अलका चाहती थीं कि इस वारदात की जांच सीबीआई करे। कुछ दिन तक सीबीआई ने केस की जांच की, लेकिन फिर केस छोड़ दिया। हत्याकांड के विरोध में राजनाथ सिंह ने चंदौली में धरना दिया था। इसके बाद केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई। सीबीआई ने मुख्तार अंसारी को मुख्य साजिशकर्ता माना था। मुख्तार मऊ विधानसभा क्षेत्र से 5 बार विधायक रह चुके हैं। 2005 में मऊ में भड़की हिंसा में नाम सामने आने पर उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया था। इस हत्याकांड के एकमात्र चश्मदीद गवाह शशिकांत राय थे। उनकी कुछ ही दिन बाद संदिग्ध हालात में मौत हो गई। मामले में जांच चली, लेकिन सबूत नहीं मिले। इसके बाद कृष्णानंद हत्याकांड के सभी आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया गया।

Leave a Reply

%d bloggers like this: