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छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से नक्सलियों ने बड़ा आत्मघाती हमला किया है। दंतेवाड़ा अरनपुर के पास बुधवार को जिला रिजर्व गार्ड के जवानों को ले जा रहे एक वाहन पर आईईडी हमला हुआ है, माओवादी कैडर की उपस्थिति की आसूचना पर दंतेवाड़ा से डीआरजी बल नक्सल विरोधी अभियान के लिए रवाना किया गया था, बताते हैं कि वापसी के दौरान माओवादियों की ओर से अरनपुर मार्ग पर आईईडी विस्फोट किया गया, जिससे अभियान में शामिल 10 डीआरजी जवान और एक ड्राइवर शहीद हुए हैं। घटना के बारे में बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दंतेवाड़ा में सुरक्षाकर्मियों पर नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी हमले में 11 जवानों की जान जाने की खबर पर कहा, ‘हमारे पास ऐसी सूचना है, यह बहुत ही दुखद है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं, अपने अंतिम चरण में नक्सलियों को बख्शा नहीं जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि आज दंतेवाड़ा के थाना अरनपुर क्षेत्र अंतर्गत माओवादी कैडर की उपस्थिति की आसूचना पर दंतेवाड़ा से डीआरजी बल नक्सल विरोधी अभियान के लिए रवाना किया गया था। वापसी के दौरान माओवादियों की ओर से अरनपुर मार्ग पर आईईडी विस्फोट किया गया, जिससे अभियान में शामिल 10 डीआरजी जवान और एक ड्राइवर शहीद हो गए हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की और उन्हें हर प्रकार से मदद करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि जो भी राज्य सरकार को चाहिए होगा, वो दिया जाएगा। डीआरजी यानी डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड, जो छत्तीसगढ़ पुलिस के स्पेशल जवान हैं। ये केवल नक्सलियों से लड़ने के लिये भर्ती किए गये हैं। इसमें सरेंडर करने वाले नक्सली और बस्तर के ही वातावरण में पले बढ़े लोग शामिल होते हैं। नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ी सफलता अब तक इन्हीं जवानों को मिली है।