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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष की एकजुटता के लिए बड़े कदम उठाने की शुरुआत कर दी है। आज वह एक ही दिन में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी मुलाकात की है। नीतीश कुमार के साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। मुलाकात के दौरान ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की फेमस शॉल ओढ़ाकर सीएम नीतीश, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और उनके साथ आए नेताओं का स्वागत किया। जवाब में सीएम नीतीश ने भी उपहार स्वरूप भागलपुर की सिल्क शॉल ममता बनर्जी को भेंट की। इस दौरान तीनों नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्षी एकता को लेकर लंबी चर्चा की। फिर दोनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। नीतीश ने कहा- हम लोगों की अच्छी और पॉजिटिव बातचीत हुई है। वहीं, ममता बनर्जी ने कांग्रेस के नेतृत्व में चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि बीजेपी के खिलाफ हम साथ आएंगे और लड़ेंगे। इस बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि अब पता नहीं, ये (बीजेपी) इतिहास बदल देंगे या क्या कर देंगे? सभी को सतर्क होना है इसलिए हम सभी के साथ बातचीत कर रहे हैं। हमारे बीच बहुत अच्छी बात हुई है।
आवश्यकता अनुसार हम भविष्य में अन्य पार्टियों को साथ में लाकर बातचीत करेंगे। ममता बनर्जी ने मुलाकात के बाद कहा कि पहले हम सभी को साथ आना है। ये संदेश देना है कि हम एक हैं। मैंने नीतीश कुमार से अपील की है कि जेपी की भूमि बिहार में ऑल पार्टी मीटिंग करें, जहां हम लोग तय कर सके कि आगे की रणनीति क्या होगी? मैंने पहले भी कहा है कि विपक्षी एकता पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है। बीजेपी को हारने के लिए ये जरूरी है। मीडिया सपोर्ट और झूठ के बल पर भाजपा वाले हीरो बन बैठे हैं। चर्चा है कि ममता से मुलाकात के बाद नीतीश और तेजस्वी उत्तर प्रदेश के लखनऊ में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर नीतीश कुमार लगातार विपक्षी एकजुटता के प्रयास में लगे हैं। इससे पहले 12 अप्रैल को नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने दिल्ली में राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिले थे। मीटिंग के बाद नीतीश कुमार ने कहा था कि हमारी विपक्षी एकता पर बात हुई है। ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को एक साथ लाने की कोशिश है। हमारी सकारात्मक बातचीत हुई है। वहीं ममता बनर्जी ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी के साथ पिछले महीने इसी तरह की बैठकें की थीं।ऐसे में नीतीश कुमार के साथ विपक्षी एकजुटता की योजना पर ममता बनर्जी कितना साथ देती हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।