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अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर आज उत्तराखंड स्थित चार धाम में से दो गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट पूरे विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। गंगोत्री के कपाट 12:13 मिनट पर खोल दिए गए। जबकि यमुनोत्री के कपाट 12:41 मिनट पर खोले गए। इसी के साथ चार धाम यात्रा की भी विधिवत शुरुआत हो गई है। गंगोत्री के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई थी। इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी यमुनोत्री की डोली यात्रा में शामिल हुए। इस दौरान आसमान से हेलीकॉप्टर ने श्रद्धालुओं पर फूल बरसाए। श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में ये पहला अनुभव था, जब उन पर पुष्प वर्षा हुई।


शुक्रवार को चारधाम यात्रा औपचारिक रूप से शुरू हुई जबकि यात्रा का विधिवत आगाज शनिवार दोपहर को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हुआ। इससे पूर्व शुक्रवार को मां गंगा की भोगमूर्ति को डोली में विराजमान किया गया और मुखबा गांव से डोली को जयकारों के साथ दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर आर्मी बैंड, ढोल दमाऊं और रणसिंगे के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना किया गया। बता दें कि चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य रहेगा। इसके लिए आनलाइन के साथ ही आफलाइन का विकल्प भी रखा गया है। उधर, शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश से 2200 यात्रियों के पहले जत्थे को गंगोत्री व यमुनोत्री के लिए रवाना किया। प्रदेश की आर्थिकी के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण चारधाम यात्रा को लेकर सरकार फरवरी से ही तैयारियों में जुट गई थी। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर अब चारों धामों में प्रतिदिन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखने के निर्णय को वापस ले लिया गया है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस बारे में आदेश भी जारी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि यात्राकाल में यात्रियों के पंजीकरण के लिए आनलाइन व आफलाइन व्यवस्था पूर्ववत रहेगी। केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को तो बद्रीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे।