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चेन्नई के मैदान पर ज़ब हैदराबाद की टीम पहुंची तो ऐसा लगा मानो वह डर और खौफ़ दोनों साथ लेकर आई हो क्योंकि हैदराबाद का चेन्नई में प्रदर्शन अभी तक कुछ खास नहीं रहा है और वही हुआ। टॉस जीतकर एम एस धोनी ने पहले बैटिंग करने का निमंत्रण दिया और फिर ऐसा लगा मानो हैदराबाद का कोई भी बल्लेबाज क्रिज पर रुकना ही नहीं चाहता। एक एक कर विकेट गिरता चला गया और टीम मात्र 137 रन ही बना सकी। हैदराबाद की ओर से कोई भी सही तरिके से नहीं क्रिज ओर टिक कर नहीं खेल सका।

हैरी ब्रुक और अभिषेक शर्मा ने जरूर बेहतर शुरुआत दी लेकिन ब्रुक के आउट होते ही हैदराबाद का कोई भी बल्लेबाज टिक नहीं सका और एक एक कर अपना विकेट फेंकते चले गए। राहुल त्रिपाठी 21, मारक्रम 12, क्लासेन 17, मयंक अग्रवाल 2 और मार्को जेन्सन ने 17 रन बनाये और इन सब के पीछे कमाल था चेन्नई के स्पिनर्स की। जडेजा इसके अगुवा थे। अपने कोटे के 4 ओवर में जडेजा ने सिर्फ 22 रन देकर 3 खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा। पथिराना ने भी एक सफलता के साथ किफायती गेंदबाजी की।

135 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी चेन्नई की टीम ने शानदार शुरुआत की और 11 ओवर में ही कान्वें और गायकवाड की जोड़ी ने 87 रन जोड़कर लक्ष्य को एकदम आसान बना दिया। लेकिन ऋतुराज गायकवाड दुर्भाग्य पूर्ण तरिके से आउट हो गए। इसके बाद बैटिंग करने आये रहाणे और रायडू भी 9-9रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन एक ओर से कान्वें ने छोर संभाले रखा और चेन्नई को मोईन अली के साथ जीत तक पहुंचाकर नाबाद पवेलियन लौटे। कान्वें ने शानदार 77 रनों की नाबाद पारी खेली। हैदराबाद के लिए मयंक मारकंडे ने जरूर बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए 2 विकेट झटके लेकिन वह शायद पर्याप्त नहीं था।
इस जीत के हीरो रहे रविन्द्र जडेजा और इस जीत के साथ ही चेन्नई तीसरे नंबर पर पहुंच गई है और उसके प्ले ऑफ में जाने के चंसेज बढ़ गए हैं। यह चेन्नई की लगातार चौथी जीत है। धोनी हालांकि हैदराबाद के खिलाफ अपने गेंदबाजी के फैसले से ज्यादा खुश नहीं थे. उन्होंने कहा, ”बल्लेबाजी का ज्यादा मौका नहीं मिल रहा लेकिन कोई शिकायत नहीं. यहां पर मैं पहले क्षेत्ररक्षण को लेकर हिचकिचा रहा था क्योंकि मुझे लगा कि ज्यादा ओस नहीं होगी. हमारे स्पिनरों ने बेहतरीन गेंदबाजी की और तेज गेंदबाजों खासकर पथिराना ने भी.”