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राहुल गांधी को कोर्ट से लगा बड़ा झटका, क्या कहा कोर्ट ने जानिए

Surat court dismisses Rahul Gandhi’s appeal for stay on conviction in defamation case
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राहुल गांधी, पूर्व लोकसभा सदस्य और कांग्रेस के बड़े नेता या यह कहे कांग्रेस का एक महत्वपूर्ण चेहरा। फिलहाल लोकसभा सदस्यता उनकी रद्द हो गई है और कारण है कि उनके द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में टिपण्णी करना। लोकसभा सदस्यता चली गई और साथ ही छह साल के लिए बैन भी लग गया इसी को लेकर वे आज सूरत के उसी कोर्ट में अर्जी डाली थी जिसने उन्हें सज़ा सुनाई थी लेकिन वहां उन्हें राहत नहीं मिली।

राहुल गांधी की कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए अपने 27 पेज के ऑर्डर में कहा कि राहुल गांधी को शब्दों का सही चयन संभलकर करना चाहिए क्योंकि उनका अपना पद भी है और कद भी जिससे कई लोग प्रेरित होते हैं। जज आरपी मोरेगा ने यह भी माना कि राहुल गांधी की ओर से कही गई बात से शिकायतकर्ता के मन-मस्तिष्क को चोट पहुंचा है। इस तथ्य में कोई विवाद नहीं कि याचिकाकर्ता (राहुल गांधी) संसद के सदस्य थे और दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष थे। इसलिए उन्हें अपने शब्दों को लेकर अधिक सतर्क रहना चाहिए जिसका लोगों के दिमाग पर अधिक असर पड़ा है।

राहुल गांधी के वकील आर एस चीमा ने गुरुवार को सेशंस कोर्ट में कहा था कि अयोग्यता से उन्हें पूर्णया क्षति होगी। दो साल की सज़ा मिलने की वजह से राहुल गांधी 8 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ सकते इसलिए इस सज़ा को कम किया जाना चाहिए। साथ ही दलिल तो यह भी दी गई थी कि कर्नाटक में चुनाव के दौरान बोले गए मोदी सरनेम के उनके संदर्भ को अलग तरीके से पेश किया गया था। आपको बता दें कि भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के बयान पर यह कहते हुए शिकायत किया था कि कांग्रेस नेता बार-बार इस तरह की बातें कर रहे हैं और अपनी बातों पर कायम हैं।

अब थोड़ा मामला भी जान लीजिए

साल 2019 को लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी कर्नाटक में थे और वहीं उन्होंने मोदी सरनेम को लेकर चोर शब्द का इस्तमेला किया था जिसके बाद उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। सीजेएम कोर्ट ने 23 मार्च को उन्हें सज़ा सुनाई जिसमें उनकी वायनाड सीट से लोकसभा की सदस्या रद्द करने के साथ ही दो साल की सज़ा सुनाई गई मतलब साफ है कि राहुल गांधी अब पूरे आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते। 3 अप्रैल को राहुल गांधी ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी और याचिका दायर की जिस पर 13 अप्रैल को 5 घंटे से अधिक समय तक दोनों तरफ से दलीलें पेश की गई और आज एक बार फिर से कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत नहीं दी है।

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