जान बूझकर मेरा नाम लेकर मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है- संजय सिंह

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आप नेता संजय सिंह, राज्यसभा में चलने वाले आम आदमी पार्टी के एकलौता आवाज जो शायद कथाकथित अडानी या अडानी समूह पर सबसे ज्यादा आवाज उठाते हैं। आज उन्होंने एक ट्वीट किया और कहा कि छापेमारी की उड़नदस्ता ईडी अडानी महाघोटाले शिकायत लेने की खाली नहीं मैंने 11 बार मिलने का समय मांगा, आखिरकार आज बड़ी मुश्किल से मेरी टीम ने अडानी महाघोटाले की शिकायत ईडी में रिसिव कराई।
इस ट्वीट के बाद संजय सिंह ने संवाददाता सम्मेलन भी किया और कहा कि कल मैंने वो डीटेल आपके सामने रखा कि कैसे ED मार पीटकर, कान के पर्दे फाड़कर, गन प्वाइंट पर पूछताछ कर रही है। आज जो खुलासा कर रहा हूं उससे यह और साबित होगा कि कैसे ED काम करती है। ED में बार-बार मेरा नाम लिया जा रहा है। खबरें प्लांट की जा रही हैं। मैंने पूरी ईमानदारी से अपना जीवन जिया है। ED की चार्जशीट में मेरा नाम है। 6 जनवरी को दाखिल की गई इस चार्जशीट में कहा गया है कि दिनेश अरोड़ा ने ऐसा बताया कि 1 अक्टूबर 2022 को अमित अरोड़ा के एक दुकान का ट्रांसफ़र संजय सिंह के डायरेक्शन पर मनीष सिसोदिया ने किया। इसका आबकारी मामले से कोई लेना देना नहीं है, यह लिकर पॉलिसी के पहले का मामला है।
संजय सिंह ने कहा कि दिनेश अरोड़ा ने अपने स्टेटमेंट में कहा है कि कमिश्नर ने रूटीन तरीक़े से उनके दुकान का ट्रांसफ़र किया। उनके बयान में कहीं भी मेरा नाम नहीं है। न्यायालय में दिनेश अरोड़ा ने बयान दिया कि ‘दुकान ट्रांसफ़र के मामले में न मैंने डिप्टी सीएम से बात की और न ही संजय सिंह से। AAP के नेता मेरी जानकारी में लिकर कंजम्प्शन के ख़िलाफ़ हैं, न संजय सिंह पीते हैं और न ही सिसोदिया।
उन्होंने कहा कि अब मैं प्रधानमंत्री, ED और तमाम अधिकारियों से पूछना चाहता हूं कि जब बयान में मेरा नाम नहीं है, न्यायालय के बयान में मेरा नाम नहीं है तो फिर चार्जशीट में मेरा नाम क्यों डाला गया, क्यों मीडिया में मेरा नाम दिया गया। मोदी जी के रिटायरमेंट की उम्र तो तय है, लेकिन तुम लोग (ED अधिकारी) जब न्यायालय के सामने फँसोगे तो उसमें जल्दी छुटकारा नहीं मिलेगा।
मैं डायरेक्टर ED, SK मिश्रा और अन्य ED अधिकारियों के खिलाफ मानहानि का केस करूंगा। प्रधानमंत्री से भी कहूंगा कि इस जन्म में ही नहीं, अगले जन्म में भी मेरे ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार का एक मामला नहीं पाओगे, ईमानदारी से मैंने पूरा जीवन जिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि संसद में मैंने 12 दिसंबर 2022 को बयान दिया कि ED फर्जी मामलों में लोगों को फँसा रही है। सभापति ने और विशेषाधिकार समिति ने मुझसे कहा कि आप इसके रिकॉर्ड लाइए। उसके बाद 6 जनवरी को चार्जशीट में मेरा नाम शामिल कर दिया गया। सांसदों को सोचना पड़ेगा कि क्या ED संसद से बड़ी हो गई है। मैं अब देश भर के लोगों से कहना चाहूंगा कि आपके खिलाफ अगर ED ने ग़लत मुक़दमा बनाया है आपको फँसाया है तो मुझे जानकारी दीजिए मैं संसद के सामने रखूँगा।