Wed, September 27, 2023

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पायलट के फिर बगावती तेवर, राजस्थान में अपनी ही सरकार के खिलाफ सचिन पायलट आज बैठेंगे अनशन पर, दिल्ली तक सियासी हलचल

Rajasthan Congress Leader Sachin Pilot Start his Protest near Shahid Smarak
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राजस्थान की सियासत में एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ‌पिछले काफी समय से सचिन पायलट और मुख्यमंत्री गहलोत के बीच ठीक-ठाक चल रहा था। लेकिन अब सचिन पायलट एक बार फिर बगावती तेवर अख्तियार कर लिए हैं। पूर्व डिप्टी सीएम पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन करने जा रहे हैं। अभी तक गहलोत और पायलट की लड़ाई अंदरूनी थी, लेकिन आज ये लड़ाई खुलकर सड़क पर दिखने वाली है। बता दें कि राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम पायलट ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री रहते हुए घोटालों पर कार्रवाई नहीं होने को मुद्दा बनाकर अनशन की घोषणा की थी।

Rajasthan Congress Leader Sachin Pilot Started his Protest near Shahid Smarak

आपको बता दें कि राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने उन तमाम भ्रष्टाचार के मुद्दों पर साढ़े चार साल में कोई कार्रवाई नहीं की जिनके आधार पर प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आई थी। इनमें प्रमुख रूप से तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार के समय हुआ खान घोटाला और बजरी माफियाओं के मामले शामिल हैं। सचिन पायलट के इस धरने को लेकर सियासी हलचल भी बढ़ गई है। सचिन पायलट अपने कार्यकर्ताओं के साथ मंगलवार को 10 बजे से जयपुर के शहीद स्मारक पर दिन भर के लिए अनशन पर बैठ रहे हैं। पायलट अनशन में समर्थक मंत्रियों और विधायकों की जगह आम समर्थकों को साथ रखेंगे। अनशन सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा। सचिन पायलट के उपवास पर अडिग रहने के फैसले के बीच कांग्रेस ने सोमवार रात उन्हें कड़ी चेतावनी दी है।

पार्टी ने दो टूक कहा है कि इस तरह की कोई भी गतिविधि पार्टी विरोधी गतिविधि मानी जाएगी। वहीं पायलट ने कहा, वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं की गई। जबकि विपक्ष में रहते हुए हमने यह वादा किया था कि जांच कराई जाएगी। चुनाव को 6-7 महीने बचे हैं, विरोधी भ्रम फैला सकते हैं कि कहीं कोई मिलीभगत तो नहीं है, यह साबित करने के लिए जल्दी कार्रवाई करनी होगी। ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगे कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।

सचिन पायलट के अनशन को लेकर राज्य में कांग्रेसी खेमा दो धड़ों में बंटा-

राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पायलट के इस कदम को पार्टी विरोधी बताया है। पायलट के अनशन में शामिल होने के लिए प्रदेश भर से उनके समर्थक जयपुर पहुंच रहे हैं। सचिन पायलट के इस रुख के बाद राजधानी जयपुर से लेकर दिल्ली पार्टी हाईकमान तक हलचल है। सबसे बड़ी बात यह है कि राजस्थान में करीब 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में सचिन पायलट के अनशन से राजस्थान कांग्रेस पार्टी दो खेमे में बंटती हुई नजर आ रही है। ‌सचिन पायलट के अनशन की घोषणा के बाद से कांग्रेस में सियासी खींचतान बढ़ गई है।

Rajasthan Congress Leader Sachin Pilot Start his Protest near Shahid Smarak

अंदरूनी सियासत फिर गरमा गई है। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा पायलट मामले में डैमेज कंट्रोल के लिए मंगलवार दोपहर जयपुर पहुंच रहे हैं। राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि सचिन पायलट का अनशन पार्टी हितों के खिलाफ है। मैं पिछले 5 महीनों से एआईसीसी का प्रभारी हूं, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर मुझसे कभी बात नहीं की। मैं शांति से बात करने की अपील करता हूं क्योंकि सचिन पायलट पार्टी की धरोहर हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि सचिन पायलट ने कोई लक्ष्मण रेखा पार की है। ये पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं है। परिवार में मत का अंतर रहता है, लेकिन हमारा परिवार बना हुआ है। सचिन पायलट को लगता है कि उनको मतदाताओं को जवाब देना होगा कि आपने भ्रष्टाचार को लेकर क्या कार्रवाई की है? इसे सरकार के खिलाफ विरोध के तौर पर नहीं देख रहा हूं। वसुंधरा राजे के खिलाफ जांच होनी चाहिए। राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सचिन पायलट की मांग का समर्थन किया है।

Rajasthan Congress Leader Sachin Pilot Start his Protest near Shahid Smarak (video)

खाचरियावास ने कहा कि वह सचिन पायलट की बात से सहमत हैं और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उन मुद्दों पर कार्रवाई करे जो कांग्रेस पार्टी ने विपक्ष में रहते हुए उठाए थे। सचिन पायलट के अनशन राजस्थान में विपक्ष भाजपा नजरें बनाए हुए हैं। भाजपा ने कहा ने कहा कि पायलट को कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच की भी मांग करनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री और उनके पूर्व डिप्टी के बीच की लड़ाई इस हद तक बढ़ गई है कि अब पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

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