Thu, September 21, 2023

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Bihar Diwas 2023: कभी हार नहीं मानने वाला बिहार आज हुआ 111 साल का, जाने बिहार का स्वर्णिम इतिहास

Bihar Diwas 2023: Bihar celebrates 111 years of never giving up – Explore Bihar’s illustrious history
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बिहार आज अपने स्थापना की 111 वर्षगांठ मना रहा है। आज के हीं दिन यानी 22 मार्च को 1912 में बिहार अपने अस्तित्व में आया था। इससे पहले बिहार बंगाल प्रोविंस का हिस्सा हुआ करता था। बिहार का इतिहास समृद्ध और विस्तृत रही है, जहां पुरातन सभ्यताओं में से कुछ, जैसे मौर्य और गुप्त शासकों की सभ्यताओं का उदय हुआ है।

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बिहार का गौरवशाली इतिहास:

वर्षों से, बिहार ने भारतीय संस्कृति और बौद्धिक विरासत में बहुमूल्य योगदान दिया है। बिहार अपनी समृद्ध साहित्य, संगीत और कला के लिए जाना जाता है। हिंदू पुराणों के अनुसार माता सीता का जन्म बिहार में ही हुआ था। इसके अलावा बिहार से बुद्ध और जैन धर्म की उत्पत्ति हुई थी। पहले बिहार को मगध के नाम से भी जाना जाता था। वहीं दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय नालंदा यूनिवर्सिटी बिहार में ही है। शून्य की खोज करने वाले आर्यभट्ट भी इसी बिहार से थे। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद भी बिहार के सारण (सिवान) के ही रहने वाले थे।
इसके अलावा यहाँ से कई महान व्यक्तित्व जैसे महात्मा गांधी, गुरु गोबिंद सिंह जैसे महान व्यक्ति गहरे संबंध रखते थे।
बिहार राज्य शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए जाना जाता है।

आखिर बिहार क्यों नाम पड़ा:

दरअसल में बिहार राज्य के नाम बिहार पड़ने के पीछे की वजह भी बेहद खास वजह है। कहा जाता है बिहार का नाम बौद्ध विहारों के विहार शब्द से हुआ है। विकृत रूप से विहार के स्थान पर उसे बिहार कह कर संबोधित किया जाता था। इसी वजह से राज्य का नाम पहले विहार और उसके बाद बिहार पड़ा।

बिहार स्थापना दिवस की कब हुई शुरुआत:

वर्ष 2005 में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने बिहार दिवस मनाने की घोषणा की थी।2008 में बड़े स्तर पर बिहार दिवस मनाने की शुरुआत हुई। तब से हर वर्ष बिहार में बिहार दिवस का आयोजन किया जाता है।
प्रत्येक वर्ष राज्य सरकार इसके लिए थीम बनाती है। इस वर्ष बिहार सरकार की थीम युवाओं पर केंद्रित है। इस बार “युवा शक्ति बिहार की प्रगति” है

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