विश्व के सबसे हैप्पीनेस देशों में फिनलैंड रहा पहले स्थान पर, एशिया का कोई देश टॉप-20 में नहीं बना सका जगह, भारत 136वें नंबर पर

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विश्व के सबसे खुशहाल (हैप्पीनेस) देशों की रैंकिंग जारी कर दी गई है। जारी की गई रैंकिंग के मुताबिक फिनलैंड एक बार फिर दुनिया में हैप्पीनेस देशों में पहले स्थान पर आया है। जबकि एशिया का कोई भी देश टॉप 20 में भी अपनी जगह नहीं बना सका। इस बार भी भारत की स्थिति खुशहाल देशों में संतोषजनक नहीं रही। हालांकि पिछले रैंकिंग के मुकाबले भारत की स्थिति कुछ ठीक हुई है। आइए जानते हैं हैप्पीनेस रैंकिंग किस आधार पर जारी की जाती है। कोई देश कितना खुशहाल है इसका फैसला उसकी जीडीपी, जीवन की गुणवत्ता और जीवन प्रत्याशा के आधार पर किया जाता है। फिनलैंड के बाद डेनमार्क को दूसरा स्थान मिला है। जबकि तीसरे नंबर पर आइसलैंड, इजराइल चौथे, नीदरलैंड पांचवें नंबर पर है।
हैप्पीनेस रैंकिंग में छठें स्थान पर स्वीडन, सातवें पर नॉर्वे, आठवें पर स्विट्जरलैंड, 9वें पर लक्जमबर्ग और 10वें पर न्यूजीलैंड है। इनमें से कोई भी एशियाई देश नहीं है। अमेरिका इस लिस्ट में 15वें नंबर पर है और ब्रिटेन 19वें स्थान पर है। 150 देशों की इस लिस्ट में भारत 136वें नंबर पर है। भारत की रैंकिंग में 3 स्थानों का उछाल आया है। पिछली बार भारत139वें स्थान पर था। कोरोना काल के दौरान साल 2020 से 2022 के बीच यह रैंकिंग जारी नहीं की गई थी। वहीं अफगानिस्तान को दुनिया में सबसे नाखुश देश माना जाता है। वह इस सूची में 146वें स्थान पर है। इस सूची में नेपाल (84), बांग्लादेश (94), पाकिस्तान (121) और श्रीलंका (127) स्थान पर है। इस साल की रैंकिंग में 150 से ज्यादा देशों के इन डेटा का अध्ययन करने के बाद लिस्ट तैयार की गई है। इस बार 2020 से 2022 तक देशों के औसत जीवन मूल्यांकन के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र स्थायी विकास उपाय नेटवर्क द्वारा जारी की गई है और इसमें कहीं कहीं, सामाजिक सहयोग, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और प्रत्येक देश में भ्रष्टाचार के स्तरों जैसे कारकों पर ध्यान देते हुए खुशी के स्तरों का मूल्यांकन किया जाता है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बहादुरी से संबंधित एक वैश्विक रिपोर्ट का हवाला देते हुए शनिवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संभव है कि जल्द ही भारत ‘घृणा और यादाश्त’ में ऊपरी स्थान पर पहुंच जाए। उन्होंने ‘विश्व हिमायत रिपोर्ट’ का हवाला दिया, जिसमें भारत 136वें स्थान पर है।