
हिमाचल प्रदेश बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने सदन में किया हंगामा, 17 मार्च को सुखविंदर सरकार पेश करेगी अपना पहला बजट

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हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सरकार 2 दिन बाद यानी 17 मार्च को अपना पहला बजट पेश करेगी। मंगलवार से हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ है। पहले दिन ही विपक्ष भाजपा के विधायकों ने सदन में जोरदार हंगामा किया। 6 अप्रैल को इस बजट सत्र का समापन होगा। मंगलवार को विधानसभा बजट सत्र में पहले दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपनी आल्टो कार से विधानसभा बजट सत्र में शामिल होने के लिए पहुंचे। सुरक्षाकर्मी परेशान थे कि मुख्यमंत्री किस वाहन में हैं। पहली बार ऐसा हुआ कि कोई मुख्यमंत्री अपने वाहन में विधानसभा पहुंचा। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब हिमाचल का कोई मुख्यमंत्री ऑल्टो कार से विधानसभा पहुंचा हो। विधानसभा परिसर के पास जैसे ही ऑल्टो कार पहुंची तो प्राइवेट नंबर देख पुलिस वालों ने सीएम की कार रोक दी। मुख्यमंत्री को ऑल्टो में देख पुलिस कर्मचारी भी हैरान हुए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने साल 2003 में इस गाड़ी को खरीदा था जब वह पहली बार विधायक बने थे। उस समय भी वह ऑल्टो से ही विधानसभा गए थे। उसके बाद जब भी हो विधायक बने तो ऑल्टो कार से ही विधानसभा जाते हैं। अपने पहले बजट सत्र के लिए विधानसभा पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘यह मुझे मेरे पुराने दिनों की याद दिलाता है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अनुपूरक बजट पेश किया। मुख्यमंत्री ने साल 2022-23 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगों की पहली और अंतिम किस्त प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री ने 13141 करोड़ 7 लाख का बजट पेश किया। इसमें 11707 करोड़ 68 लाख राज्य की योजनाओं और 1433 करोड़ 39 लाख केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों के लिए प्राप्त किया गया। विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष ने सदन में हंगामा किया। भाजपा विधायकों ने 632 संस्थानों को बंद करने के निर्णय का विरोध किया।
हिमाचल प्रदेश में संस्थानों को डिनोटिफाई करने के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा मांगी गई। काम रोको प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने मंजूर किया। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन नियम 67 के तहत डिनोटिफाई किए गए संस्थानों के मुद्दे पर चर्चा हुई। जिस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विधानसभा सदन में नियम 67 के तहत लाए काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति देने के बावजूद भी विपक्ष इस पर कोई सार्थक चर्चा नहीं कर पाया। मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि हालांकि नियम 67 तहत उन विषयों पर चर्चा की जाती है, जो कि बहुत जरूरी है। या राज्य में किसी तरह की आपदा आई हो, लेकिन विपक्ष विधायक निधि रोकने और संस्थानों को डिनोटिफाई करने जैसे मुद्दों को लेकर काम रोको प्रस्ताव लाए, जो कि उचित नहीं है। इसके बावजूद सरकार ने आज संस्थानों को डिनोटिफाई करने के मुद्दे पर लाए काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा चर्चा कराने का फैसला लिया। लेकिन विपक्ष संस्थानों को बंद करने को लेकर कोई सार्थक चर्चा नहीं कर सका। विपक्ष के विधायक चर्चा में जस्टिफाई नहीं कर पाए कि उनके इलाके में बंद किए संस्थान खोलना क्यों जरूरी है। उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान विपक्ष के सदस्यों को यह भी बता देना चाहिए था कि इन संस्थानों के लिए पूर्व सरकार ने बजट का कितना प्रावधान किया था और इनमें कितने कर्मचारी नियुक्त किए गए थे। उन्होंने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि जहां जरूरत होगी, वहां संस्थानों को फिर से चालू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि वे सत्ता के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए सत्ता में आए हैं। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आज उन्होंने चंबा में होली में बने वैली ब्रिज का शुभारंभ शिमला से ऑनलाइन किया है, यह पुल दो माह पहले गिर गया था और दो माह में 2.50 करोड़ की लागत से पीएस पुल का निर्माण कर दिया गया है, यह व्यवस्था परिवर्तन है।