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Women Power : Sureshka Yadav becomes the first female locomotive pilot in Asia to start her career as a goods train driver and drove India’s fastest train, Vande Bharat

सुरेखा यादव ने देश की सबसे हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत दौड़ाई, जानिए कौन हैं मालगाड़ी ड्राइवर के रूप में करियर की शुरुआत करने वाली एशिया की पहली महिला लोको पायलट

Women Power  Sureshka Yadav becomes the first female locomotive pilot in Asia to start her career as a goods train driver and drove India's fastest train, Vande Bharat
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आज बात करेंगे एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव के बारे में। सुरेखा यादव ने एक दिन पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की है। हालांकि वह इस उपलब्धि की हकदार भी थीं। सुरेखा यादव ने शुरुआत मालगाड़ी के ड्राइवर के रूप में की अब उनका सफर अपनी मंजिल पर पहुंच चुका है। सोमवार को सुरेखा ने देश की सबसे हाईटेक और हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन किया। ‌केंद्रीय रेल मंत्री ने खुद ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए उन्हें बधाई भी दी है। ‌ सुरेखा यादव ने सोमवार को सोलापुर स्टेशन और मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) के बीच इस सेमी-हाई स्पीड ट्रेन का संचालन किया। मध्य रेलवे की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ट्रेन 13 मार्च को निर्धारित समय पर सोलापुर स्टेशन से रवाना हुई और आगमन के निर्धारित समय से पांच मिनट पहले सीएसएमटी स्टेशन पहुंची। विज्ञप्ति में कहा गया है कि 450 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने पर यादव को सीएसएमटी स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या आठ पर सम्मानित किया गया। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया, ‘वंदे भारत नारी शक्ति द्वारा संचालित पहली महिला लोको पायलट श्रीमती सुरेखा यादव ने ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ का संचालन किया। मध्य रेलवे ने कहा, “वंदे भारत एक्सप्रेस की पहली महिला लोको पायलट बनकर यादव ने मध्य रेलवे के इतिहास में एक और उपलब्धि जोड़ दी है। पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्र में सतारा निवासी यादव 1988 में भारत की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बनी थीं।

उन्होंने अपनी उपलब्धियों के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अब तक कई पुरस्कार जीते हैं। बता दें कि मध्य रेलवे ने सीएसएमटी-सोलापुर और सीएसएमटी-साईनगर शिरडी मार्गों पर दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 फरवरी, 2023 को हरी झंडी दिखाई थी। एशिया की पहली महिला रेल पायलट सुरेखा यादव का जन्म महाराष्ट्र में 2 सितंबर 1965 को हुआ था। उन्होंने राज्य के सतारा में स्थित सेंट पॉल कॉन्वेंट हाई स्कूल से अपनी शुरुआती शिक्षा हासिल की। आगे की पढ़ाई के लिए सुरेखा ने वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स किया और बाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया। टेक्निकल बैकग्राउंड और ट्रेनों को लेकर सुरेखा को बचपन से लगाव था। उन्होंने पायलट के लिए फॉर्म भर दिया। साल 1986 में उनकी लिखित परीक्षा हुई, जिस में पास होने के बाद इंटरव्यू भी क्लियर कर लिया। बाद में सुरेखा कल्याण ट्रेनिंग स्कूल में सहायक चालक के तौर पर नियुक्त हुईं। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद 1988 में सुरेखा यादव नियमित सहायक ड्राइवर के पद पर प्रमोट हो गईं। सुरेखा ने सबसे पहले मालगाड़ी के ड्राइवर के तौर पर करियर की शुरुआत की। धीरे धीरे उनकी ड्राइविंग स्किल्स बेहतर होती गई। साल 2000 में मोटर महिला के पद पर उनका प्रमोशन हुआ। उसके बाद साल 2011 में सुरेखा एक्सप्रेस मेल की पायलट बनीं। इसी के साथ महिला दिवस के मौके पर सुरेखा यादव को एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर होने का खिताब हासिल हुआ। सोशल मीडिया पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन करने पर सुरेखा यादव को यूजर्स बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं। ‌

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