
Hindenburg case, the Supreme Court has formed a six-member expert investigation committee against Gautam Adani.

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अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आज अहम फैसला देते हुए एक्सपर्ट जांच कमेटी बना दी है। गुरुवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग मामले में 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद फाइनेंशियल सेक्टर में अनियमितताओं को रोकने के लिए सरकार से जवाब मांगा था। केंद्र सरकार ने कहा कि वो इस मामले में जांच कर रही है। जबकि कोर्ट में सेबी ने अपने जवाब में कहा कि उसने मार्केट में स्थिरता लाने और निवेशकों की पूंजी बचाने के लिए जो भी तरीके मौजूद हैं, उसका इस्तेमाल किया। सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी में रिटायर्ड जज एएम सप्रे इस कमेटी के हेड होंगे। उनके साथ इस कमेटी में जस्टिस ओपी भट, जस्टिस जेपी देवदत्त, एमवी कामथ, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरेसन शामिल होंगे। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने गुरुवार को यह आदेश दिया। इस कमेटी को मामले की जांच सौंपने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी को भी स्टॉक्स की कीमतों में हेरफेर की जांच रिपोर्ट तलब की है। सेबी को 2 महीने के भीतर स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी, जिसमें बताना होगा कि क्या इस केस में सेबी के नियमों की धारा 19 का उल्लंघन हुआ है। पिछले महीने फरवरी में बजट सत्र के दौरान संसद में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रदर्शन किया था। कांग्रेस ने कहा कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा भी होनी चाहिए और पीएम मोदी को जवाब देना चाहिए। अडानी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने की मांग की। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों में भी प्रदर्शन किया गया। कांग्रेस ने कहा कि हम ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी जांच चाहते हैं, सरकार हर चीज को छिपाना चाहती है। बता दें कि अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने हाल ही में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है। हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया था। उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट में जनता को गुमराह किया गया। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। याचिकाकर्ताओं ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों की जांच की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जांच के लिए 6 सदस्यों की कमेटी का गठन किया है।