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दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक के भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (79) ने राजनीति से संन्यास ले लिया है। कर्नाटक में भाजपा की सरकार आने में येदियुरप्पा की महत्वपूर्ण भूमिका रही । राज्य में 3 महीने बाद विधानसभा चुनाव भी होने जा रहे हैं। बुधवार को कर्नाटक विधानसभा में बजट सत्र के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने अपनी विदाई स्पीच दी। इस दौरान वे भावुक भी नजर आए।
उन्होंने कहा कि ये एक दुर्लभ पल है, क्योंकि अब मैं दोबारा चुनाव नहीं लडूंगा। मुझे बोलने का मौका देने के लिए शुक्रिया। उन्होंने स्पीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी किया। येदियुरप्पा ने कहा कि अगर भगवान ने मुझे शक्ति दी तो मैं पांच साल बाद होने वाले अगले विधानसभा चुनावों में भी भाजपा को सत्ता में लाने के लिए अपना पूरा जोर लगाऊंगा। मैं पहले ही कह चुका हूं कि अब मैं चुनाव नहीं लडूंगा, लेकिन पीएम मोदी और पार्टी ने मुझे जो सम्मान और पद मिला उसके मैं जीवनभर नहीं भूल पाऊंगा। उन्होंने सदन में कहा कि उनके घर पर बैठने का कोई सवाल ही नहीं है और वह विधानसभा सत्र के बाद राज्य का दौरा करेंगे तथा अपनी भारतीय जनता पार्टी और उसके उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे। येदियुरप्पा ने कहा कि शुक्रवार को खत्म होने वाले सत्र के साथ वे आखिरी बार विधानसभा में बोल रहे हैं। येदियुरप्पा ने कहा, यह एक तरह से मेरी विदाई है, क्योंकि मैं विधानसभा में आकर दोबारा नहीं बोल सकता हूं। हालांकि इसके बीच में ही विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी और संसदीय कार्य मंत्री जे सी मधुस्वामी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि येदियुरप्पा शुक्रवार को सदन में अपना अंतिम संबोधन करेंगे। येदियुरप्पा ने शिवमोगा जिले के हंटरपुरा से ही पुरासभा प्रेसिडेंट के तौर पर राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। 1983 में इस सीट से वे पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद यहां से वे लगातार 8 बार चुनाव जीते। बता दें कि इसी साल कर्नाटक विधानसभा के चुनाव होने हैं। राज्य में बसवराज बोम्मई के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार चल रही है। ऐसे में बीजेपी एक बार फिर से कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए प्रयास कर रही है। वहीं कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के बाद राज्य के नेताओं के भी हौसले बुलंद हैं।