
Delhi's new mayor All you need to know about Delhi's new mayor Shelly Oberoi
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की बनीं मेयर, जानिए कौन है शैली ओबेरॉय जिन्होंने भाजपा प्रत्याशी रेखा गुप्ता को हराया

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आखिरकार राजधानी दिल्ली नगर निगम में आज मेयर पद पर फैसला हो गया। पिछले तीन बार से भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच हुए बवाल की वजह से मेयर प्रत्याशी का चुनाव नहीं हो सका था। नगर निगम चुनाव के 80 दिन बाद दिल्ली को नया मेयर मिल गया है। आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय को मेयर चुना गया। शैली को 150 वोट मिले। उन्होंने भाजपा की रेखा गुप्ता को 34 वोटों से हराया। मेयर चुनाव में शैली ओबेरॉय की जीत के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुंडागर्दी हार गई, दिल्ली की जनता जीत गई। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मेयर का चुनाव जीतने पर शैली को बधाई दी। सीएम केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि दिल्ली नगर निगम में आज दिल्ली की जनता की जीत हुई और गुंडागर्दी की हार।

आइये जानते हैं कि आखिर शैली ओबरॉय कौन हैं, जिन्होंने आम आदमी पार्टी की ओर से मेयर का चुनाव जीता है। बता दें कि आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय दिल्ली की पटेल नगर विधानसभा के वार्ड नंबर 86 से पार्षद हैं। 39 साल की शैली ओबेरॉय पेशे से प्रोफेसर हैं। उन्होंने पीएचडी तक की पढ़ाई की है। वह 2013 में एक आम आदमी पार्टी में शामिल हुई थीं। 2020 तक शैली आम आदमी पार्टी की महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष रही हैं। वह पहली बार पार्षद चुनी गई हैं। शैली ओबेरॉय ने मात्र 269 वोटों से चुनाव जीती थीं। उन्होंने पटेल नगर विधानसभा के वार्ड नंबर 86 से बीजेपी की दीपाली कपूर को हराया था। खास बात है कि शैली ओबरॉय ने जहां से पार्षद का चुनाव लड़ा था, वह भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष आदेश गुप्ता का गढ़ माना जाता है। अब बीजेपी प्रत्याशी रेखा गुप्ता को हराकर दिल्ली मेयर का चुनाव जीता है। वह साल 2014 से आप से जुड़ी हैं और वर्ष 2020 में उन्हें पार्टी की महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष बना दिया गया था। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, वह इंडियन कॉमर्स एसोसिएशन (आईसीए) की आवजीवन सदस्य हैं। ओबरॉय के पिता का नाम सतीश कुमार है और वह कारोबारी हैं, जबकि उनकी मां सरोज गृहिणी हैं। शैली के एक भाई और एक बहन भी हैं। बता दें कि इससे पहले 3 बार मेयर चुनाव कराने की कोशिश की गई, लेकिन भाजपा और आप मेंबर्स के हंगामे के चलते ये नहीं हो सके। हंगामे की वजह उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से मनोनीत 10 एमसीडी सदस्यों को वोट देने की अनुमति का फैसला था। इसे लेकर आप की मेयर प्रत्याशी शैली ओबेरॉय सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थीं। 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आप के पक्ष में फैसला सुनाया था। 24 घंटों के अंदर नोटिस जारी करने के लिए कहा था। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उपराज्यपाल को 22 फरवरी को चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने 2 घंटे में ही मान लिया। मेयर के साथ डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के छह सदस्यों के लिए 6 जनवरी, 24 जनवरी और 6 फरवरी को 3 बार कोशिशें हुईं, लेकिन हर बार भाजपा और आम आदमी पार्टी के हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित हो गई।