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Bihar: After open war with Nitish Kumar, Upendra Kushwaha all set to quit JD(U), form new party

उपेंद्र कुशवाहा आज नई सियासी पारी की करेंगे शुरुआत, पटना से लेकर दिल्ली तक सियासी हलचल तेज

Bihar: After open war with Nitish Kumar, Upendra Kushwaha all set to quit JD(U), form new party
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बिहार में आज उपेंद्र कुशवाहा अपनी सियासत की नई पारी खेलने के लिए तैयार हैं। राजधानी पटना से लेकर दिल्ली तक सियासी हलचल तेज हो गई है। जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा सोमवार को पार्टी से अलग होने और अपना नया राजनीतिक संगठन बनाने की घोषणा करने के लिए तैयार हैं। बिहार के मुख्यमंत्री और जद (यू) सुप्रीमो नीतीश कुमार की तेजस्वी यादव 2025 के विधानसभा चुनावों में महागठबंधन का नेतृत्व करेंगे वाली घोषणा के बाद से उपेंद्र कुशवाहा उनसे नाराज और बीजेपी के साथ सहयोगी के रूप में दिख रहे हैं। वह जल्द ही जद (यू) एमएलसी का पद भी छोड़ सकते हैं।

2009 के बाद यह तीसरी बार होगा जब कुशवाहा ने जद (यू) छोड़ दिया। 63 वर्षीय पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा 19-20 फरवरी के दौरान पटना में अपने समर्थकों का एक सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं। इसमें वैशाली, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पटना, नालंदा और भोजपुर जैसे जिलों सहित बिहार के विभिन्न हिस्सों से उनके गुट के कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं। कुशवाहा ने दो दिवसीय बैठक का जब एलान किया था उसी समय पार्टी की ओर से नाराजगी सामने आई थी। यहां तक चेतावनी दी गई थी कि कार्रवाई हो सकती है। हालांकि बैठक हुई। रविवार को उपेंद्र कुशवाहा ने बहुत कुछ नहीं कहा। हालांकि कार्यक्रम में आए नेताओं ने खूब बोला। रविवार को इस बैठक को लेकर जेडीयू प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने स्वविवेक से पार्टी नहीं चला रहे हैं। नीतीश कुमार आज बेबस हैं। लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए कहा कि नीतीश कुमार को पीएम बनाने की मंशा नहीं है। नीतीश कुमार को बिहार की राजनीति से भगाने की साजिश हो रही है और फिर सत्ता उनको सौंप दी जाए जिनके खिलाफ 1994 में बगावत शुरू हुई थी।

कुशवाहा के कुछ सहयोगियों ने दावा किया कि भाजपा ने कथित तौर पर उन्हें आश्वासन दिया था कि अगर उनके पास अपना दल होता है तो वह राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से कुछ को उनके नए संगठन के लिए छोड़ देगी। जैसे ही कुशवाहा अपने एग्जिट प्लान की ओर बढ़े, जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने रविवार को उनसे यह खुलासा करने के लिए कहा कि क्या भाजपा नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली की उनकी हालिया यात्राएं फलदायी रही हैं। ललन ने कुशवाहा के समर्थकों के सम्मेलन को जद (यू) की आधिकारिक बैठक नहीं करार दिया, यह कहते हुए कि केवल राज्य के पार्टी प्रमुख को ही इस तरह की बैठक बुलाने का अधिकार था। सोमवार को इसका आखिरी दिन है। इस दिन ही कुशवाहा के बड़े राजनीतिक फैसले लेने की संभावना है। इस बैठक को लेकर प्रदेश में चर्चाओं का बाजार गर्म है।

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