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विद्वता और सादगी की प्रतिमूर्ति थे युगपुरुष महात्मा एन० डी० ग्रोवर : प्राचार्य के० के० पांडेय
पूर्वोत्तर भारत मे शिक्षा और सेवा जगत के गांधी कहे जाने वाले महात्मा नारायण दास ग्रोवर की पुण्यतिथि के अवसर पर सोमवार को डीएवी पब्लिक स्कूल, जहानाबाद में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। बिहार, बंगाल, उडीसा, सिक्किम एवं नेपाल सहित कई राज्यों में 250 से अधिक डीएवी विद्यालयों की स्थापना करने वाले महात्मा ग्रोवर की पुण्यतिथि के अवसर पर विद्यालय की प्रार्थना सभा मे उनके चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित की गई।



इस अवसर पर प्राचार्य श्री के० के० पांडेय ने विस्तार से उनके प्रेरक जीवन प्रसंगों को याद करते हुए कहा कि महात्मा एन डी ग्रोवर सादगी की प्रतिमूर्ति थे। एक सच्चे गाँधी वादी के रूप में उनका जीवन अनुकरणीय है।बिहार सहित पूर्वोत्तर भारत में डीएवी संस्थानों की स्थापना के भगीरथ कार्य का पूरा श्रेय महात्मा एन०डी० ग्रोवर को जाता है।
इस अवसर पर विद्यालय में यज्ञ- हवन और सत्संग का आयोजन हुआ। प्रसाद स्वरूप खिचड़ी का वितरण किया गया। एक पेंटिंग प्रतियोगिता का भी हुआ। सभी छात्र- छात्राओं, शिक्षक- शिक्षकेत्तर कर्मियों ने भी महात्मा एनडी ग्रोवर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
महात्मा नारायण दास ग्रोवर (15 नवम्बर 1923 - 6 फ़रवरी 2008) भारत के महान शिक्षाविद थे। वे आर्य समाज के कार्यकर्ता थो जिन्होने 'दयानन्द ऐंग्लो-वैदिक कालेज आन्दोलन' (डीएवी आंदोलन) के प्रमुख भूमिका निभायी। उन्होने अपना पूरा जीवन डीएवी पब्लिक स्कूलों के विकास में लगा दिया। उन्होंने इस संस्था की आजीवन अवैतनिक सेवा प्रदान की। वे डीएवी पब्लिक स्कूल पटना प्रक्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक के साथ-साथ डीएवी कालेज मैनेजिंग कमेटी नई दिल्ली के उपाध्यक्ष थे।