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आज 22 जनवरी है। यह तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज है। इसके साथ रूसी क्रांति 1917 की शुरुआत भी हुई और इसे ‘खूनी संडे’ के नाम से भी जाना जाता है। रूसी क्रांति की शुरुआत 1905 में 22 जनवरी दिन रविवार को हुई थी। उस दौरान रूस में जार निकोलस द्वितीय का शासन था। जार निकोलस की कई नीतियों के खिलाफ मजदूरों में गुस्सा था। इसके चलते मजदूर इस दिन अपने मेहनताने और काम के घंटों जैसे मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे थे।

मजदूरों का काफिला जार से मिलने के लिए सेंट पीटर्सबर्ग के विंटर पैलेस की तरफ बढ़ रहा था। वे अपनी मांगों को लेकर जार निकोलस से मिलना चाहते थे, लेकिन जार के पास पहुंचने से पहले ही सैनिकों ने निहत्थे मजदूरों पर गोलियां बरसा दी। इस घटना में 500 से ज्यादा लोग मारे गए। इस दिन को रूस के इतिहास में ब्लडी संडे, यानी खूनी रविवार के नाम से जाना जाता है। इसी घटना के बाद 1917 में व्लादिमिर लेनिन के नेतृत्व में रूसी क्रांति की शुरुआत हुई। यानी रूसी क्रांति दो चरणों में हुई। पहले चरण में 1905 में रूसी साम्राज्य में एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक आंदोलन हुआ था। इस क्रांति के दौरान ही जार के शासन का अंत हुआ था। जार को उसकी पत्नी और 5 बच्चों समेत फांसी दे दी गई थी। क्रांति के बाद रूस में गृह युद्ध छिड़ गया। ये रेड आर्मी और व्हाइट आर्मी के बीच था। रेड आर्मी समाजवाद की समर्थक थी और व्हाइट आर्मी पूंजीवाद, राजशाही की समर्थक थी। 1920 में समाजवाद के विरोधी हार गए। 1922 में सोवियत संघ, यानी यूएसएसआर की स्थापना हुई।