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दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस यानी एम्स (AIIMS) को अब ‘तंबाकू फ्री जोन’ घोषित कर दिया गया है।
जिसके बाद अब एम्स में बीड़ी, गुटखा, सिगरेट का सेवन करते पाए जाने पर जुर्माना लगेगा। यह नियम यहां के डॉक्टर, कर्मचारी, सिक्योरिटी स्टॉफ, मरीज और उनके साथ आने वाले परिजनों पर भी लागू होगा।
खास बात ये है कि अगर डॉक्टर, स्टाफ या कर्मचारी धूम्रपान करते पाए गए तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
AIIMS ने इसे लेकर नोटिफिकेशन भी जारी किया है। इसमें धूम्रपान और अन्य तंबाकू उत्पाद का इस्तेमाल न करने को लेकर सलाह दी गई है।
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अस्पताल परिसर मे अगर कोई मरीज या उसके साथ आए परिजन धूम्रपान और अन्य तंबाकू उत्पाद का सेवन करता पाया गया, तो उसपर 200 रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा।
कर्मचारियों और डॉक्टर्स पर भी होगी यह नियम लागू:

एम्स द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, अगर कोई अनुबंधित कर्मचारी या सिक्योरिटी स्टॉफ अगर अस्पताल परिसर में सिगरेट पीते या गुटखा खाते पाए गए, तो उन्हें नौकरी से हाथ भी धोना पड़ सकता है। इतना ही नहीं अगर कोई डॉक्टर या परमानेंट स्टाफ एम्स परिसर में सिगरेट पीते या गुटखा खाते पाया गया, तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यानी डॉक्टर, हेल्थकेयर स्टाफ, सिक्योरिटी स्टॉफ कोई भी एम्स परिसर में सिगरेट पीते या गुटखा खाते पाया गए, तो उनपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारी या सिक्योरिटी स्टॉफ को तो नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है। एम्स परिसर में पब्लिक प्लेस, हॉस्पिटल बिल्डिंग, हेल्थकेयर इंस्टीट्यूशन, एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन, पब्लिक ऑफिसेज, वर्कप्लेस और कैंटीन जैसी जगहों पर भी इसका उल्लंघन करने पर जुर्माना भरना पड़ेगा।
2003 में केंद्र सरकार ने बनाए थे नियम:
बता दें कि सार्वजनिक क्षेत्रों में तंबाकू के इस्तेमाल पर रोक के लिए केंद्र सरकार 2003 में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार और वाणिज्य उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम (COTPA) लाई थी। इसके मुताबिक, सार्वजनिक स्थानों जैसे अस्पताल, संस्थान, सार्वजनिक दफ्तरों, ऑफिसों में तंबाकू के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है। इसका उल्लंघन करने पर 200 रुपए के जुर्माने का भी प्रावधान है।