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मुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र से राजद विधायक हैं अनिल सहनी। अनिल सहनी 2020 के चुनाव में आरजेडी में शामिल हुए थे। इससे पहले वो जदयू के सदस्य रहे। अनिल सहनी 2012 से 2018 तक राज्यसभा सदस्य भी रहे। एक पुराने एलटीसी केस में फिलहाल बुरा फंसे हैं और ऐसे फंसे हैं कि उन्हें अब अपनी विधानसभा सदस्यता भी गंवानी पड़ी है। सहनी के राज्यसभा सांसद कार्यकाल के एलटीसी घोटाले में उन्हें तीन साल की सजा होने के बाद विधानसभा सचिवालय ने राजद विधायक की सदस्यता रद्द करने की अधिसूचना जारी करते हुए कुढ़नी सीट को रिक्त घोषित कर दिया है।
सचिवालय ने चुनाव आयोग को आगे की कार्रवाई के लिए पत्र भेज दिया है। सहनी पर आरोप है कि बिना यात्रा किए फर्जी टिकट के जरिये उन्होंने एलटीसी क्लेम किया था। अनिल सहनी पर एलटीसी घोटाले का आरोप है। बगैर यात्रा किए सहनी ने सरकारी राशि का खर्च दिखाया था। अब यह क्या है पूरा मामला इसको भी जान लीजिए। आपको बता दें जदयू छोड़कर आरजेडी में आये सहनी 2020 विधानसभा चुनाव में मुजफ्फरपुर के कुढ़नी से विधायक निर्वाचित हुए थे।
अवकाश एवं यात्रा भत्ता (LTC) घोटाले मामले की शुरुवात 2013 में शुरू हुई जब सीबीआई ने अवकाश एवं यात्रा भत्ता (एलटीसी) घोटाला मामले में केस दर्ज किया था। मामले में चार लोगों को आरोपी बनाया था। जिनमें पूर्व राज्यसभा सांसद साहनी के अलावा दिल्ली बेस्ड कुरियर के अनूप सिंह पवार, पूर्व ऑफिस सुपरिडेंट (ट्रैफिक) एनएस नैयर और अरविंद तिवारी को भी दोषी करार दिया था। इसके बाद सीबीआई ने इस मामले में पीएमएलए, धोखाधड़ी, सरकारी पद के दुरपयोग के तहत केस दर्ज किया था।
सेंट्रल विजलेंस कमीशन ने इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर किया था। जांच के बाद मामले में चार्जशीट दाखिल की गई। और फिर राउज एवेन्यू कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद चारों को दोषी पाया है। और अब आखिरकार इस मामले में अनिल सहनी की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने के बाद खलबली मच गई है। सरकार बनने के 2 महीने के भीतर राजद के 2 मंत्रियों के इस्तीफे के बाद अब अनिल सहनी पर कार्रवाई से विपक्ष आरजेडी पर निशाना साध रहा है। विधानसभा सचिवालय से सदस्यता रद्द करने संबंधी पत्र जारी होने के बाद से RJD के खेमे में अफरातफरी मच गई है। सदस्यता रद्द होने से मुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना तय हो गया है।