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देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ NIA छापेमारी कर रही है। विभिन्न राज्यों में कामयाबी भी हाथ लगी है। दिल्ली में भी NIA ने तीन जगहों पर छापेमारी की है। जिंसमें उसे बड़ी कामयाबी हाथ लगी। जांच एजेंसी ने दिल्ली में पीएफआई के हेड परवेज आलम को गिरफ्तार किया गया है। आतंकी कनेक्शन को लेकर जांच एजंसियों के रडार पर आई एजेंसी के 3 एजेंट को दिल्ली में पकड़ा गया है।
इसके साथ ही दिल्ली से सटे नोएडा में भी एनआईए ने छापेमारी की है। नोएडा में भी एटीएस और एनआईए की टीम छापेमारी कर रही है। देश के कई हिस्सों में छापेमारी के खिलाफ पीएफआई संगठन के सदस्य सड़कों पर विरोध जताने उतर गए हैं। इस बीच दिल्ली में एनआईए के दफ्तर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अधिकारियों के मुताबिक, छापेमारी मुख्यत: दक्षिण भारत में की जा रही है और एनआईए ने इसे ‘अब तक का सबसे बड़ा जांच अभियान’ करार दिया है। एनआईए ने कहा कि आतंकवदियों को कथित तौर पर धन मुहैया कराने, उनके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने और लोगों को प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ने के लिए बरगलाने में शामिल व्यक्तियों के परिसरों पर छापे मारे जा रहे हैं।
एनआईए और ईडी ने गुरुवार सुबह 10 राज्यों में आतंकी वित्त पोषण में कथित तौर पर शामिल संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान एनआईए और ईडी ने आतंकियों का कथित तौर पर समर्थन करने के आरोप में पीएफआई के लगभग 100 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। अगर बात अलग-अलग राज्यों में किये गए छापेमारी ठेकों की करें तो आंध्र प्रदेश में 5 जगहों पर, असम में 9 जगहों पर, दिल्ली में 3,कर्नाटक में 20, केरल में 22, मध्य प्रदेश में 4, महाराष्ट्र में 20, पुडुचेरी में 3, राजस्थान में 2, तमिल नाडु में 10 और उत्तर प्रदेश में 8 स्थानों पर एनआईए ने छापेमारी की है।
अपने 100 से ज्यादा कार्यकर्ता को पकड़े जाने पर पीएफआई ने एक बयान जारी कर कहा, ”पीएफआई के राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और स्थानीय नेताओं के घरों पर छापेमारी की जा रही है। राज्य समिति कार्यालय पर भी छापे मारे जा रहे हैं। हम विरोध की आवाज को दबाने के लिए फासीवादी शासन द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किए जाने का कड़ा विरोध करते हैं।”