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दिसंबर में गुजरात चुनाव है। इसके लिए पूरी पार्टी जोर लगा रही है। मीडिया में तो केजरीवाल वर्सेज मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव भी करा रही है लेकिन इसका सेंस अभी तक राजनीति को समझने वालों को नहीं आ रहा है। क्योंकि अरविंद केजरीवाल को सिर्फ इसलिए 2024 का प्रधानमंत्री पद के लिए देखना कि वह अभी के राजनीति में काफी सक्रिय हैं, अतिश्योक्ति है। जिस पार्टी का एक भी सांसद न हो, उस पार्टी के मुखिया को देश का प्रधानमंत्री के रुप में बातें करना बिल्कुल कुतर्क है। फिलहाल केजरीवाल गुजरात में अपने वायदों की बरसात करने से पीछे नहीं हट रहे।
केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि अगर उनकी पार्टी इस साल दिसंबर में होने वाले चुनावों में सत्ता में आती है तो पंजाब के जैसे गुजरात में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करेगी।
गुजरात पहुंचे केजरीवाल ने मीडिया से कहा कि गुजरात में सरकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए हैं। उनकी मुख्य मांग पुरानी पेंशन योजना को लागू करना है। मैं उन्हें गारंटी देता हूं कि जब आप सरकार बनाएगी तो हम गुजरात में ओपीएस लागू करेंगे। केजरीवाल का बयान उस वक्त आया जब राहुल गांधी ने एक दिन पहले ही आश्वासन दिया था कि अगर कांग्रेस गुजरात में सत्ता में आती तो पुरानी पेंशन योजना को बहाल करेगी।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर भाजपा सरकार करती है ओपीएस लागू करती है, तो ठीक है। अगर नहीं, तो हम इसे तब लागू करेंगे जब दो महीने बाद मौजूदा सरकार बदल जाएगी। केजरीवाल ने साथ ही यह भी कहा कि सरकार बनते ही सरकारी कर्मचारियों के मुद्दे सुलझा दिए जाएंगे। लेकिन उसके लिए उन्होंने सबसे पिछले 27 वर्षों से गुजरात में सत्ता में रही भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का आग्रह किया।